HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. पद्म भूषण नंबी नारायणन पर देशद्रोही होने का लगा था आरोप, उनका जीवन का संघर्ष पढ़कर रह जाएगें हैरान

पद्म भूषण नंबी नारायणन पर देशद्रोही होने का लगा था आरोप, उनका जीवन का संघर्ष पढ़कर रह जाएगें हैरान

आज हम आप को एक ऐसे शख्स से रूबरू कराएंगे। जो ISRO को नासा के समकक्ष खड़ा किया। जिनका नाम है नम्बी नारायणन जो भारत में लिक्विड तरल ईंधन की स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी लाने के लिए शुरूआत की थी।

By आराधना शर्मा 
Updated Date

आज हम आप को एक ऐसे शख्स से रूबरू कराएंगे। जो ISRO को नासा के समकक्ष खड़ा किया। जिनका नाम है नम्बी नारायणन जो भारत में लिक्विड तरल ईंधन की स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी लाने के लिए शुरूआत की थी।

पढ़ें :- गौतम अडानी को एक और बड़ा झटका, केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ हुए समझौते को किया रद्द

पढ़ें :- अमेरिका में अडानी के ख़िलाफ़ जो मामला सामने आया वह बेहद ही आश्चर्यजनक, बीजेपी वाले इनके साथ ही हैं खड़े: संजय सिंह

आप को बता दें कि नंबी नारायणन ISRO के प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक थे। बताया जाता है कि इन्होंने अपने जीवन में काफी कुछ झेला है। इन पर देशद्रोही का आरोप भी लगाया गया था। नंबी नारायणन ने सबसे पहले भारत में लिक्विड तरल ईंधन की स्पेस रॉकेट टेक्नोलॉजी लाने के लिए शुरूआत की थी। वह भारत में ही क्रायोजनिक इंजन को बनाने की टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे थे। उस समय यह टेक्नोलॉजी चंद देशों के पास थी और इसके लिए भारत को करोड़ों रुपये दूसरे देशों को देने पड़ते थे। वे चाहते थे कि भारत टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनें। कहा जाता है कि यह टेक्नोलॉजी भारत में पहले ही आ जाती, लेकिन नम्बी को झूठे षड़यंत्र में बुरी तरह से फंसा दिया गया। उन पर जासूसी के झूठे आरोप भी लगाया गया। फैसला आने से पहले ही देशद्रोही मान लिया गया था।

पढ़ें :- Male Sterilization Fortnight : पूरी तरह सुरक्षित व आसान है पुरुष नसबंदी , परिवार पूरा होने पर जरूर अपनाएं

गौरतलब है कि नंबी नारायणन का जन्म 12 दिसंबर 1941 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव नागारोकोइल में हुआ था। नंबी नारायणन इसरो के वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर है। जो सेटेलाइट वैज्ञानिक के रूप में जाने जाते हैं। इसके अलावा नंबी नारायन के बचपन में ही उनके पिताजी का देहांत हो गया था। जिसके कारण इनके जीवन में काफी परेशानियां और घर की सारी जिम्मेदारियां आ गई। ये बचपन से ही बहुत होशियार और मेधावी छात्र थे। वे अपनी पढ़ाई की फीस अपनी स्कॉलरशिप से पूरा कर लेते थे।

नम्बी नारायणन के नाम पर फिल्में भी बनाई गई हैं। जिसमें इनके साथ हुए जुल्म को दर्शाया गया है। नंबी नारायणन की पत्नी का नाम मीना नम्बी नारायणन था। जब नम्बी नारायणन पर देशद्रोह के आरोपों लगा था तब उनका पूरा परिवार पूरी तरह से हिल गया था। इनके द्वारा कमाई कई सारी इज्जत और नाम बरबाद हो गया था। पूरे देश में मीडिया ने उन्हें दोषी करार कर दिया था वो भी जांच होने से पहले। इस पूरे घटनाकाल में उन्हें और उनके परिवार को बहुत सारी मानसिक और सामाजिक परेशानियों से गुजरना पड़ा।

 

बताया जाता है कि साल 1994 में जब नम्बी cryogenic program पर काम कर रहे थे। तब केरल पुलिस ने दो महिलाओं मरियम रशीदा और फौजिया हसन को गिरफ़्तार किया था। नंबी नारायणन पर इसरो के रॉकेट इंजन बनाने के गोपनीय सिक्रेट डाटा को बेचने के आरोप लगाये। जिसके बाद नंबी नारायण और उनके साथी वैज्ञानिकों डी. शशिकुमार और डिप्टी डारेक्टर चंद्रशेखर को गिरफ़्तार कर लिया गया था।

 

पढ़ें :- UP Police 2024 Physical Test : यूपी पुलिस फिजिकल टेस्ट में 4.8 किमी की लगानी होगी दौड़, ऐसे होगा चयन

उन पर भारत की जासूसी व क्रायोजनिक ईंजन की प्रौद्योगिकी के सीक्रेट करोड़ों डॉलर में बेचने के आरोप लगाये गये थे। उसके बाद भारत खुफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरों के अधिकारियों ने इस केस की जांच शुरू कर दी और इसकी मुख्य जांच सीबीआई को सौप दी। 1996 में दो साल की जांच के बाद सीबीआई ने उनपर लगाये गये सारे आरोपो को खारिज कर दिया और उन्हें पूरी तरह निर्दोष बताया।

सीबीआई को उनके खिलाफ कोई सबूत और कोई ऐसा दस्तावेज नहीं मिला, जो उनको दोषी साबित करता हो। इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार ने कहा कि नंबी नारायण को बेवजह मानसिक, शारीरिक और सामाजिक यातनाओं को इतने साल झेलना पड़ा है। इसके लिए केरल सरकार उन्हें 10 लाख का मुआवजा देने को कहा, लेकिन इसके लिए नंबी नारायण सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए उन सभी दोषियों को सजा देने कि अपील की जिन्होंने उन्हें इस झूठे केस में फंसाया था। नम्बी नारायण को 25 सालों के बाद न्याय मिला और केरल सरकार की तरफ से 1.3 करोड़ रुपये भी मिले।

बता दें कि नंबी नारायणन जी को उनकी की गई रिसर्च और उपलब्धियों के आधार पर भारत सरकार की तरफ से साल 2019 में पद्म भूषण अवार्ड से नवाजा गया। जोकि उनके लिए एक गौवान्वित पल था।

पढ़ें :- Prasar Bharati launches free OTT app 'Waves': 12 से अधिक भाषा में दूरदर्शन पर मुफ्त में देखने को मिलेगा प्रोग्राम

रिपोर्ट….प्रिया सिंह

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...