पाकिस्तान की एक अदालत ने मनी लांड्रिंग मामले में पीएम शहबाज शरीफ (Pak PM Shahbaz Sharif) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। कोर्ट ने शरीफ के छोटे बेटे सुलेमान शहबाज (Suleman Shahbaz) को आरोपी मान लिया है। पाकिस्तान की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद पीएम शहबाज शरीफ ( PM Shahbaz Sharif) के बेटे और एक अन्य व्यक्ति को भगोड़ा घोषित कर दिया।
नई दिल्ली। पाकिस्तान की एक अदालत ने मनी लांड्रिंग मामले में पीएम शहबाज शरीफ (Pak PM Shahbaz Sharif) की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। कोर्ट ने शरीफ के छोटे बेटे सुलेमान शहबाज (Suleman Shahbaz) को आरोपी मान लिया है। पाकिस्तान की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद पीएम शहबाज शरीफ ( PM Shahbaz Sharif) के बेटे और एक अन्य व्यक्ति को भगोड़ा घोषित कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुकाबिक, लाहौर स्पेशल कोर्ट ने सुलेमान शहबाज (Suleman Shahbaz) और ताहिर नकवी को अदालत में तलब होने का आदेश दिया था, जिसके बावजूद दोनों अदालत नहीं पहुंचे। इसको देखते हुए अदालत ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई कार्रवाई
बता दें कि शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) के बेटों हमजा और सुलेमान के खिलाफ नवंबर-2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और मनी लॉन्ड्रिंग विरोधी कानून के तहत केस दर्ज किया था। अदालत ने सुलेमान और नकवी के खिलाफ 28 मई को गिरफ्तारी वारंट जारी किया तो वह ब्रिटेन फरार हो गया। उसी सुनवाई में, अदालत ने एक अन्य संदिग्ध मलिक मकसूद उर्फ मकसूद छपरासी के लिए भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। मलिक मकसूद का पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात में निधन हो गया था।
एफआईए कर रही जांच
11 जून को एफआईए ने सुलेमान, नकवी और मकसूद के लिए जारी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट के बारे में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इसमें एफआईए ने कहा था कि वारंट पर अमल नहीं किया जा सकता क्योंकि सुलेमान अपने फरार है। शुक्रवार की सुनवाई में अदालत ने सुलेमान और नकवी की संपत्तियों के साथ-साथ मकसूद के मृत्यु प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी मांगी।
अदालत ने प्रधान मंत्री शहबाज को सुनवाई में शामिल होने से एक बार की छूट देने का अनुरोध भी स्वीकार कर लिया है, लेकिन निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई में अदालत के सामने पेश हों। बाद में सुनवाई 30 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गई।
बता दें कि एफआईए की जांच में 28 बेनामी खातों का पता चला था। आरोप था कि यह शहबाज के परिवार से संबंधित हैं। इन्हीं खातों के माध्यम से 2008 से 2018 के दौरान 1400 करोड़ रुपये विदेश भेजे गए हैं। धन का पता लगाने के लिए एफआईए ने 17,000 लेन-देन की जांच की थी।