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IMF के इशारे पर नाचा पाकिस्तान, बेहाल जनता पर फिर गिरने वाला है ‘टैक्स बम’

महंगाई की मार झेल रही पाकिस्तान जनता को IMF की शर्तें भारी पड़ने लगी हैं। पाक अधिकारियों और विश्लेषकों ने सोमवार को कहा कि आर्थिक तंगी और परमाणु हथियार से लैस पाकिस्तान अब इस महीने 170 अरब रुपये का नया टैक्स लगाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि नए कर से देश में मुद्रास्फीति (Inflation) और बढ़ जाएगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

इस्लामाबाद। महंगाई की मार झेल रही पाकिस्तान जनता (Pakistan public) को IMF की शर्तें भारी पड़ने लगी हैं। पाक अधिकारियों और विश्लेषकों ने सोमवार को कहा कि आर्थिक तंगी और परमाणु हथियार से लैस पाकिस्तान (Pakistan) अब इस महीने 170 अरब रुपये का नया टैक्स लगाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि नए कर से देश में मुद्रास्फीति (Inflation) और बढ़ जाएगी।

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अर्थशास्त्रियों और राजनीतिक विश्लेषकों का यह बयान शुक्रवार को पाकिस्तान (Pakistan)  और आईएमएफ (IMF) के बीच नवीनतम दौर की वार्ता के बाद आया है। इस दौरान IMFने नए कर लगाने की सिफारिश की थी। वरिष्ठ अर्थशास्त्री एहतेशाम-उल-हक (Economist Ehtesham-ul-Haq) ने कहा कि अधिक कर लगाने का मतलब है कि पाकिस्तान में अधिकांश लोगों के लिए कठिन दिन आने वाले हैं जो पहले से ही भोजन और ऊर्जा के लिए उच्च लागत का सामना कर रहे हैं, लेकिन अगर पाकिस्तान (Pakistan) को आईएमएफ ऋण (IMF Loan)की जरूरत है तो पाकिस्तान को नए कर लगाने ही पड़ेंगे क्योंकि इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।

IMF की डील से पाक पस्त

पाकिस्तान (Pakistan)  खुद को डिफॉल्टर के रूप में घोषित होने से बचा रहा है। इसलिए वह IMF की शर्तों को मानने के लिए मजबूर है। आईएमएफ और पाकिस्तान (Pakistan)  के बीच हुई अंतिम वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकल सका था, क्योंकि वह रक्षा बजट को घटाने के लिए राजी नहीं हो रहा था। वित्त मंत्री इशाक डार ने आईएमएफ मिशन प्रमुख से रक्षा बजट (Defense Budget From IMF Mission Chief) में कटौती’ की शर्तों को हटाने का अनुरोध किया। तभी IMF प्रमुख ने बातचीत रोक दी और समझौते पर हस्ताक्षर किए बिना पाकिस्तान छोड़ने का फैसला कर लिया। डार ने उनसे कहा कि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर आधिकारिक यात्रा पर ब्रिटेन में हैं और सरकार को उनके साथ रक्षा बजट पर चर्चा करने के लिए कुछ समय चाहिए लेकिन IMF अपनी शर्तों को लेकर अड़ा रहा।

नए टैक्स के फैसले पर जानें क्या कहते हैं पाक के अर्थशास्त्री?

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अर्थशास्त्री हक ने कहा कि नए करों के लागू होने के बाद पाकिस्तान की 26 प्रतिशत की मुद्रास्फीति (Inflation)  की दर बढ़कर 40 प्रतिशत हो जाएगी, लेकिन अगर पाकिस्तान बिना किसी और देरी के आईएमएफ बेलआउट (IMF Bailout)  को पुनर्जीवित करने में विफल रहता है, तो आम आदमी के लिए जीवन और कठिन हो जाएगा।

इस तरह से लगाया जाएगा नया टैक्स

पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक इम्तियाज गुल (Pakistani Political Analyst Imtiaz Gul) ने कहा कि शरीफ की सरकार उन लोगों पर कर बढ़ा सकती है जो पहले से ही कर चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर आधार को व्यापक बनाने की आवश्यकता है, लेकिन कर बढ़ाने से सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि होगी।सरकार का कहना है कि वह नए टैक्स इस तरह से लगाएगी कि गरीब लोग प्रभावित न हों। सरकार ने कहा कि नए कर उन लोगों पर लगाए जाएंगे जो अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अतिरिक्त करों का भुगतान कर सकते हैं।

पाकिस्तान के पास बस बचा है इतना खजाना

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan’s Foreign Exchange Reserves) अब दो अरब डॉलर से थोड़ा अधिक रह गया है। यह केवल 10 दिनों के आयात के लिए भुगतान करने के लिए पर्याप्त है। अधिकारियों का कहना है कि आईएमएफ के साथ पाकिस्तान की बातचीत वस्तुतः सोमवार या मंगलवार को फिर से शुरू होगी। शरीफ ने पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान को आईएमएफ की शर्तों का पालन करने में कठिनाई होगी।

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इमरान का शहबाज पर निशाना

कंगाल पाकिस्तान में राजनेताओं की आपसी लड़ाई जारी है। शरीफ और इमरान खान में तनातनी और बढ़ गई है। इमरान ने चेतावनी दी कि गहराते आर्थिक संकट के कारण पाकिस्तान को श्रीलंका जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी है कि अगर पाकिस्तान निकट भविष्य में चूक करता है तो देश के परमाणु कार्यक्रम को लेकर विश्व समुदाय द्वारा पाकिस्तान को ब्लैकमेल किया जा सकता है।

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