कोरोना के प्रभाव से अपने देश को बचाने के लिए अन्य देशों की तरह पाकिस्तान में भी टीकाकरण के अभियान को तेजी मिल रही है। लेकिन चिंता की खबर पाकिस्तान से ये आ रही है कि बिना टीका के ही वहां टीकाकरण अभियान चल रहा है। पाकिस्तान के टीकाकरण सेंटरों पर टीकें है ही नहीं।
नई दिल्ली। कोरोना के प्रभाव से अपने देश को बचाने के लिए अन्य देशों की तरह पाकिस्तान में भी टीकाकरण के अभियान को तेजी मिल रही है। लेकिन चिंता की खबर पाकिस्तान से ये आ रही है कि बिना टीका के ही वहां टीकाकरण अभियान चल रहा है। पाकिस्तान के टीकाकरण सेंटरों पर टीकें है ही नहीं। इस मामले में पाकिस्तान की मदद उसका सबसे करीबी दोस्त चाइना भी नहीं कर पा रहा है।
रावलपिंडी के कई टीकाकरण केंद्रों ने टीके की कमी की रिपोर्ट की है। डॉन के अनुसार, मोहम्मद रफीक सिनोफार्म की दूसरी खुराक के लिए शहर के एक टीकाकरण केंद्र में गए, लेकिन कोरोना के टीकों की कमी के कारण उन्हें दो दिनों के बाद फिर से आने के लिए कहा गया। एक दूसरे व्यक्ति मोहम्मद निसार ने कहा, “मैं शहबाज शरीफ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स टीकाकरण केंद्र गया था और कर्मचारियों ने मुझे दूसरी खुराक देने से इनकार कर दिया।”
वैक्सीन के पहले शॉट की प्रभावशीलता पर सवाल उठाने वाले एक सार्वजनिक आक्रोश के बाद लाहौर उच्च न्यायालय के रावलपिंडी खंडपीठ टीकाकरण केंद्र के कर्मचारियों ने वकीलों को सिनोफार्म वैक्सीन के स्टॉक की कमी के बारे में जानकारी दी है।