केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में सीआरपीसी संसोधन विधेयक पेश किया है। अमित शाह ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने 5 प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि गुलामी की सभी निशानियों को हम समाप्त कर देंगे, अपने मन से उस बोझ को दूर कर देंगे।
Parliament Monsoon Session: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में सीआरपीसी संसोधन विधेयक पेश किया है। अमित शाह ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गत 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने उद्बोधन के दौरान देश के सामने 5 प्रण रखे थे। उनमें से एक प्रण था कि गुलामी की सभी निशानियों को हम समाप्त कर देंगे, अपने मन से उस बोझ को दूर कर देंगे।
आज मैं जो 3 विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, वो तीनों विधेयक मोदी जी ने जो 5 प्रण लिए हैं, उनमें से एक प्रण का अनुपालन करने वाले हैं। इन तीन विधेयक में एक है इंडियन पीनल कोड, एक है क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, तीसरा है इंडियन एविडेंस कोड। इंडियन पीनल कोड 1860 की जगह, अब भारतीय न्याय संहिता 2023 होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 प्रस्थापित होगी और इंडियन एविडेंट एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम प्रस्थापित होगा।
गृहमंत्री ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2019 में ही हम सबका मार्गदर्शन किया था कि अंग्रेजों के बनाए हुए जितने भी कानून जिस विभाग में हैं, उनपर सोच विचार और चर्चा करके उन्हें आज के समय के अनुरूप और भारतीय समाज के हित में बनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, हमने एक बहुत ऐतिहासिक फैसला किया है, वो है अनुपस्थिति में ट्रायल। कई केसों में दाऊद इब्राहिम वांटेड है, वो देश छोड़कर भाग गया, लेकिन उसपर ट्रायल नहीं चल सकता। आज हमने तय किया है कि सेशन कोर्ट के जज Due Procedure के बाद जिसको भगोड़ा घोषित करेंगे, उसकी अनुपस्थिति में ट्रायल होगी और उसको सजा भी सुनाई जाएगी