सनातन धर्म में पूर्वजों को याद करने के लिए पूरे साल भर में 15 दिन ऐसे होते हैं जिसे श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष के के रूप में मनाया जाता है।
Pitru Paksha 2022 Dates : सनातन धर्म में पूर्वजों को याद करने के लिए पूरे साल भर में 15 दिन ऐसे होते हैं जिसे श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष के के रूप में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022, शनिवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होंगे । पितृ पक्ष का समापन 10 सितंबर 2022, रविवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा। इस दिन को आश्विन अमावस्या, बड़मावस और दर्श अमावस्या भी कहा जाता है।
पूर्वजों को याद कर के श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। पिंडदान और तर्पण के लिए काले तिल और कुश का उपयोग किया जाता है। किसी सुहागिन महिला का देहांत हो गया हो और तिथि का ज्ञात नहीं है तो अवस्था नवमी तिथि के दिन श्राद्ध क्रिया की जानी चाहिए। अकाल मृत्यु यानी सड़क दुर्घटना, आग से जलने से मृत्यु वाले लोगों का श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को करना चाहिए। अमावस्या तिथि को श्राद्ध के लिहजा से अनुकूल मान गया है।