1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Pitru Paksha 2024 kusha ki pavitri : पितृ पक्ष में कुशा की पवित्री का विशेष महत्व है , जानें धारण की विधि

Pitru Paksha 2024 kusha ki pavitri : पितृ पक्ष में कुशा की पवित्री का विशेष महत्व है , जानें धारण की विधि

सनातन धर्म में पूर्वजों को सम्मान देने के लिए पितृपक्ष में तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है। इस बार पितृ पक्ष 2024 की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा यानी कि 17 सितंबर 2024 से हो रही है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Pitru Paksha 2024 : सनातन धर्म में पूर्वजों को सम्मान देने के लिए पितृपक्ष में तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है। इस बार पितृ पक्ष 2024 की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा यानी कि 17 सितंबर 2024 से हो रही है।  शास्त्रों के अनुसार पिंडदान करने के नियम है। मान्यता है कि विधि पूर्वक से पितरों को तर्पण और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद। पिंडदान और तर्पण में कुश का बहुत महत्व है।

पढ़ें :- Mauni Amavasya 2026 : नए साल 2026 में इस दिन पड़ेगी माघी या मौनी अमावस्या, जानें, जानें महत्व और दान

पितृ पक्ष में कुशा का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार से किया जाता है:

कुशा धारण करना
श्राद्ध के समय कुशा को अनामिका उंगली में पहना जाता है। इसे पवित्री भी कहते हैं। कुशा को पहनने से व्यक्ति पवित्र हो जाता है और श्राद्ध कर्म और तर्पण की प्रक्रिया को आसानी से पूरा कर सकता है।

कुश से तर्पण करना
तर्पण करते समय कुश के अग्रभाग से जल पितरों को दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुश के अग्रभाग में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और मूल भाग में भगवान शंकर निवास करते हैं।

कुशा से जल छिड़कना
पूजा-पाठ के दौरान जगह पवित्र करने के लिए कुशा से जल छिड़का जाता है।

पढ़ें :- 11 दिसंबर 2025 का राशिफलः गुरुवार के दिन इन तीन राशियों की चमकेगी किस्मत, अचानक रुके काम हो जाएंगे पूरे

कुश के बारे में कुछ और बातें
कुशा को उशीर भी कहा जाता है. संस्कृत में इसे दर्भ कहते हैं। भगवान राम ने लंका जाने का मार्ग इसी की आसनी पर बैठकर मांगा था। ऋषि-मुनि तो इसी की चटाई पर सोते भी थे।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...