HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Pitru Paksha 2024 : पितरों के तर्पण और  पिंडदान में इस फूल को जरूर करें शामिल, अर्पण से पितृगण होते है प्रसन्न

Pitru Paksha 2024 : पितरों के तर्पण और  पिंडदान में इस फूल को जरूर करें शामिल, अर्पण से पितृगण होते है प्रसन्न

सनातन धर्म में पूर्वजों को सम्मान देने के लिए पितृपक्ष में तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार पितृ पक्ष 2024 की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा यानी कि 17 सितंबर 2024 से हो रही है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Pitru Paksha 2024 : सनातन धर्म में पूर्वजों को सम्मान देने के लिए पितृपक्ष में तर्पण और पिंडदान करने की परंपरा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार पितृ पक्ष 2024 की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा यानी कि 17 सितंबर 2024 से हो रही है। इसका समापन 2 अक्टूबर के दिन होने जा रहा है।  शास्त्रों के अनुसार पिंडदान करने के नियम है। मान्यता है कि विधि पूर्वक से पितरों को तर्पण और पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद। पिंडदान और तर्पण में कुश का बहुत महत्व है। जानें इस दौरान किन बातों का ध्यान रखने से पितरों की आत्मा को संतुष्ट किया जा सकता है।

पढ़ें :- Sarvapitri Amavasya 2024 : सर्वपितृ अमावस्या पर सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है , जानें श्राद्ध कब और कैसे करें

पितरों को तर्पण और पिंडदान करने की विधि में एक विशेष फूल को अर्पित किया जाता है, मान्यता है कि इस विशेष फूल के अर्पण से पितृगण प्रसन्न होते है। वहीं यह माना जाता है कि इस फूल के बिना श्राद्ध कर्म पूरा नहीं माना जाता। बता दें कि इस फूल का नाम है काश का फूल। जानें पितरों के श्राद्ध में काश के फूलों का महत्व और इस दौरान किन फूलों का इस्तेमाल किया जाता है।  काश फूल का मनोहरी दृश्य सभी को लुभाता है।

पितृ पक्ष में श्राद्ध-पूजन में मालती, जूही, चम्पा सहित सफेद फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही इस बात का भी खास ख्याल रखें कि इस दौरान तुलसी और भृंगराज का भी इस्तेमाल भूलकर न करें।

 

पढ़ें :- Pitru Paksha 2024 : दशमी श्राद्ध आज , जानें श्राद्ध करते समय जल अर्पित करने का सही तरीका
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...