देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Former Vice President M. Venkaiah Naidu) ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को सभी राजनीतिक दलों के नेतृत्व से और अधिक मुलाकातें करनी चाहिए, क्योंकि इससे विपक्षी दलों के मन में उनके तौर-तरीकों को लेकर मौजूद कुछ ‘गलतफहमियों' (Misunderstandings) को दूर करने में मदद मिल सकती है।
नई दिल्ली। देश के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (Former Vice President M. Venkaiah Naidu) ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को सभी राजनीतिक दलों के नेतृत्व से और अधिक मुलाकातें करनी चाहिए, क्योंकि इससे विपक्षी दलों के मन में उनके तौर-तरीकों को लेकर मौजूद कुछ ‘गलतफहमियों’ (Misunderstandings) को दूर करने में मदद मिल सकती है।
प्रधानमंत्री के चुनिंदा भाषणों पर आधारित एक किताब के विमोचन के अवसर पर नायडू ने स्वास्थ्य देखभाल, विदेश नीति और प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में अर्जित उपलब्धियों के लिए मोदी की तारीफ की। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया अब भारत के उदय को मान्यता दे रही है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास-प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी स्पीक्स (मई 2019-मई 2020)’ शीर्षक वाली किताब के विमोचन के बाद नायडू ने कहा कि भारत अब एक ऐसी ताकत बन गया है, जिसकी आवाज दुनियाभर में सुनाई दे रही है। इतने कम समय में, यह कोई साधारण बात नहीं है। यह उनके (मोदी के) कार्यों के कारण है। यह उनके द्वारा लोगों को दिए जा रहे मार्गदर्शन के कारण है। भारत जो प्रगति कर रहा है, यह उनके कारण है।
पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री की उपलब्धियों के बावजूद कुछ वर्गों को ‘कुछ गलतफहमियों के कारण या फिर शायद कुछ राजनीतिक मजबूरियों के कारण’ अब भी उनके तौर-तरीकों को लेकर कुछ आपत्तियां हैं। उन्होंने कहा कि समय के साथ ये गलतफहमियां भी दूर हो जाएंगी। प्रधानमंत्री को भी इस तरफ और उस तरफ के अधिक से अधिक दलों के नेतृत्व से अक्सर मिलते रहना चाहिए।
केरल के राज्यपाल ने मुस्लिमों में तीन तलाक की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यहां तक कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि उन्हें इस बात का सबसे ज्यादा मलाल है कि वह मुस्लिम महिलाओं की समस्याओं को दूर करने वाले कानून नहीं बना सके। खान ने कहा कि नेहरू मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने वाले साहसिक फैसले नहीं ले सके। मोदी ने ऐसा करने की हिम्मत दिखाई। हम इस निर्णय की अहमियत कई दशकों बाद ही समझ पाएंगे।
कार्यक्रम में अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित यह किताब विभिन्न विषयों पर आधारित प्रधानमंत्री के 86 भाषणों का संकलन है। इस किताब को 10 विषयगत क्षेत्रों में बांटा गया है, जिनमें आत्मानिर्भर भारत : अर्थव्यवस्था, जन-प्रथम शासन, कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई, उभरता भारत : विदेश मामले, जय किसान, टेक इंडिया-न्यू इंडिया, हरित भारत-सहनशील भारत-स्वच्छ भारत (ग्रीन इंडिया-रेसिलिएंट इंडिया-क्लीन इंडिया), स्वस्थ भारत-सक्षम भारत (फिट इंडिया- एफिशिएंट इंडिया), सनातन भारत-आधुनिक भारत: सांस्कृतिक विरासत और मन की बात शामिल हैं।