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पीएम मोदी जल्द बहाल करें राज्य का दर्जा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का करते हैं स्वागत : कर्ण सिंह

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बरकरार रखा है। इस दौरान अपने फैसले में पीठ की अध्यक्षता कर रहे देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा कि देश के सभी राज्यों के पास विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली।  जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बरकरार रखा है। इस दौरान अपने फैसले में पीठ की अध्यक्षता कर रहे देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा कि देश के सभी राज्यों के पास विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं। संविधान का अनुच्छेद 370 (Article 370)  अलग-अलग राज्यों को विशेष दर्जा देने का उदाहरण है। यह साफ तौर पर असममित संघवाद का उदाहरण है। जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir)  की भी अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरह कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है।

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अनुच्छेद 370 एक अस्थायी व्यवस्था

चीफ जस्टिस ने कहा कि जब महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ विलय समझौते पर दस्तखत किए थे, तभी जम्म-कश्मीर (Jammu and Kashmir) की संप्रभुता खत्म हो गई थी। वह भारत के तहत हो गया। साफ है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) भारत का अभिन्न अंग है। भारत का संविधान जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)  के संविधान से ऊंचा है। अनुच्छेद 370 (Article 370)  एक अस्थायी व्यवस्था है।

 

महाराजा हरि सिंह के बेटे एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह (Karan Singh) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने बहुत बारीकी से हर एक चीज को देखा है। सभी परिस्थितियों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  उस नतीजे पर पहुंची है। वह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन इस फैसले से जम्मू कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कुछ लोगों को नाखुशी होगी। हालांकि अब यह स्पष्ट हो गया है कि जो कुछ भी हुआ वह संवैधानिक रूप से वैध है।

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वह पीएम मोदी (PM Modi) से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल किया जाए। जरूरी नहीं है कि पहले चुनाव हों फिर राज्य का दर्जा मिले। चुनाव हो तो राज्य के लिए हों, केंद्र शासित प्रदेश के लिए क्यों हों। चुनाव सितंबर तक कराने की बात कही गई है ये अच्छी बात है।

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