मंगलवार (7 दिसंबर) का दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। इस दिन गोरखपुर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पूर्वी उत्तर प्रदेश को करीब 100 अरब (दस हजार करोड़) रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री 8603 करोड़ रुपये केगोरखपुर खाद कारखाना, 1011 करोड़ से गोरखपुर में ही बने पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले एम्स और 36 करोड़ की लागत वाले आरएमआरसी के हाईटेक लैब्स का उद्घाटन करेंगे।
गोरखपुर। मंगलवार (7 दिसंबर) का दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज होने जा रहा है। इस दिन गोरखपुर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पूर्वी उत्तर प्रदेश को करीब 100 अरब (दस हजार करोड़) रुपये के विकास कार्यों की सौगात देंगे। प्रधानमंत्री 8603 करोड़ रुपये केगोरखपुर खाद कारखाना, 1011 करोड़ से गोरखपुर में ही बने पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले एम्स और 36 करोड़ की लागत वाले आरएमआरसी के हाईटेक लैब्स का उद्घाटन करेंगे।
7 दिसंबर को पीएम मोदी (Pm Modi) के गोरखपुर आगमन और इस दौरान उनके हाथों लोकार्पित होने वाली विकास परियोजनाओं की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने मीडिया को खुद दी। रविवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में पत्रकार वार्ता में सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश के उन सपनों को साकार करने आ रहे हैं जिन्हें पिछली सरकारों की नाकामियों ने नकारा सा बना दिया था। PM के हाथों तीन बड़े प्रोजेक्ट का उद्घाटन पूर्वी उत्तर प्रदेश की दृष्टि से अब तक का सबसे बड़ा निवेश है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लिए जो नामुमकिन था, उसे पीएम मोदी ने मुमकिन कर दिखाया है। असंभव को संभव बना दिया है। पीएम ने व्यापक जनहित में किसानों, महिलाओं, नौजवानों, बच्चों की खुशहाली व क्षेत्र के उन्नयन के लिए ये परियोजनाएं उपलब्ध कराई हैं। जबकि विपक्ष इसे अबतक वोट बैंक ही समझता था।
सीएम योगी (Cm Yogi) ने कहा कि 1990 में फर्टिलाइजर कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एफसीआई) का खाद कारखाना बंद हो गया था। अनेक सरकारें आईं, आश्वासन पर आश्वासन दिए गए लेकिन 26 वर्ष तक सिर्फ हाथ खड़े कर दिए गए। इससे अन्नदाता किसान तो प्रभावित हुए ही सामान्य नागरिकों के जीवन और विकास पर विपरीत असर पड़ा। रोजगार पर विराम लग गया। खाद कारखाना दोबारा चलेगा, यह सपना ही लगता था। पर, अब यह सपना साकार हो चुका है।
प्रधानमंत्री ने 2016 में गोरखपुर में नए खाद कारखाने का शिलान्यास किया था और समय सीमा में यह बनकर तैयार है। पीएम मोदी (Pm Modi) हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड का खाद कारखाने 7 दिसंबर को राष्ट्र को समर्पित करेंगे मुख्यमंत्री ने बताया कि इस खाद कारखाने से प्रतिवर्ष 12 लाख मीट्रिक टन से अधिक यूरिया का उत्पादन होगा। इससे किसानों को समय से उर्वरक व रसायन की आपूर्ति तो होगी ही, रोजगार की ढेर सारी संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ व बीमारी ही कभी पूर्वी उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुकी थी। इंसेफलाइटिस के चलते मासूम और समय दम तोड़ देते थे। सरकारों की संवेदना इन गरीबों व और असहायों के प्रति नहीं थी। 40 वर्षों में 50 हजार से अधिक बच्चे इंसेफलाइटिस के चलते और समय काल कवलित हो गए। पूर्वी उत्तर प्रदेश को बीमारियों से मजबूती से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 2016 में एक एम्स भी दिया और यह एम्स गोरखपुर में बनकर तैयार है। यहां लोगों को विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। 7 दिसंबर को पीएम मोदी एम्स का भी उद्घाटन करेंगे।
सीएम (Cm Yogi) ने बताया कि 1977 में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसेफलाइटिस के वायरस को पहचाना गया था। बीमारी ना जाने कब से रही होगी। वायरस की पहचान भी यहां नहीं,बल्कि नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी (एन आईवी) पुणे में की गई थी। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक यहां पर इंसेफलाइटिस, डेंगू जैसे वेक्टर बोर्न डिजीज की पहचान की पुख्ता व्यवस्था नहीं थी। सैंपल पुणे भेजे जाते थे। पर, अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित रीजनल सेंटर आरएमआरसी (रीजनल मेडिकल काउंसिल ऑफ रिसर्च) में हाईटेक लैब्स की व्यवस्था कर दी गई है। इंसेफेलाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया, डेंगू और कोरोना तक के वायरस की जांच और उपचार के लिए इस पर अग्रिम अनुसंधान अब यहीं होने लगेगा। 2018 में इसका शिलान्यास तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने किया था और 7 दिसंबर को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
सीएम योगी (Cm Yogi) ने कहा कि पीएम मोदी के हाथों लोकार्पित होने जा रही तीनों परियोजनाओं से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार व नेपाल की बड़ी आबादी भी बहुत लाभान्वित होगी। उन्होंने बताया कि करीब 600 एकड़ में फैले खाद कारखाना के निर्माण पर 8600 करोड़ रुपये से अधिक, 112 एकड़ में बने एम्स पर 1011 करोड़ तथा आरएमआरसी के लैब्स पर करीब 36 करोड़ रुपये की लागत आई है। इन विकास परियोजनाओं से एक बहुत बड़ी आबादी को तो सुविधा होगी ही, साथ ही रोजगार की दिशा में बड़ी सौगात मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 7 दिसंबर की तिथि पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूरे प्रदेश के विकास के दृष्टिगत महत्वपूर्ण तिथि साबित होने जा रही है। इस दिन पीएम के ऐतिहासिक स्वागत के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश की जनता और अन्यान्य संगठन बेहद उत्सुक हैं।