नई दिल्ली: पीएनबी घोटाले में अब Mehul Choksi की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है। मेहुल चोकसी की कैरेबियाई राष्ट्र के निवेश कार्यक्रम के तहत मिली एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता पर खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, मेहुल चोकसी इस मामले में कोर्ट चला गया है। इससे पहले मेहुल चोकसी के भांजे भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यपर्ण पर ब्रिटेन ने मंजूरी दे दी थी।
आपको बता दें, नागरिकता को लेकर मेहुल चोकसी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बताया जा रहा है कि उसकी अर्जी पर 2027 तक सुनवाई चलेगी। एंटीगुआ और बारबुडा प्रधानमंत्री ऑफिस के चीफ ऑफ स्टाफ लियोनेल हर्स्ट ने कहा कि इस मामले को हल होने में तक़रीबन 7 साल लगेंगे। अभी मामला कोर्ट ऑफ अपील्स में जाएगा, फिर लंदन में प्रिवी काउंसिल अंतिम अदालत है। यानी मेहुल चोकसी की 2027 से पहले भारत वापसी कठिन है।
उसे भारत वापस लाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय सहित कई भारतीय एजेंसियां लगी हुई हैं। मेहुल चोकसी की नागरिकता के खत्म किए जाने की रिपोर्टों पर उसके वकील विजय अग्रवाल ने कहा है कि मेरे मुवक्किल मेहुल चोकसी ने स्पष्ट किया है कि वह एंटीगुआ के नागरिक हैं, उनकी नागरिकता रद्द नहीं हुई है।