उत्तर प्रदेश में 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद किए जाने की खबर को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। हालांकि, सरकार की तरफ से इस इसका खंडन किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बयान जारी कर कहा कि, यह पूर्णतया निराधार और भ्रामक है। ऐसी कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद किए जाने की खबर को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गयी है। विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया। हालांकि, सरकार की तरफ से इस इसका खंडन किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने बयान जारी कर कहा कि, यह पूर्णतया निराधार और भ्रामक है। ऐसी कोई प्रक्रिया गतिमान नहीं है।
वहीं, इस खबर को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ दलित, पिछड़े, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है।
उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने 27,764 प्राइमरी और जूनियर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम शिक्षा क्षेत्र के साथ-साथ दलित, पिछड़े, गरीब और वंचित तबकों के बच्चों के खिलाफ है।
यूपीए सरकार शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी जिसके तहत व्यवस्था की गई थी कि हर एक किलोमीटर की…
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 4, 2024
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यूपीए सरकार शिक्षा का अधिकार कानून लाई थी जिसके तहत व्यवस्था की गई थी कि हर एक किलोमीटर की परिधि में एक प्राइमरी विद्यालय हो ताकि हर तबके के बच्चों के लिए स्कूल सुलभ हो। कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं का मकसद मुनाफा कमाना नहीं बल्कि जनता का कल्याण करना है। भाजपा नहीं चाहती कि कमजोर तबके के बच्चों के लिए शिक्षा सुलभ हो।