सनातन धर्म में पूजा पाठ का बहुत महत्व है। शास्त्रों में पूजा पद्धति के बारे में बताया गया है। धार्मिक साहित्यों में बताया गया है।
Pooja- Archana Mein Poojan Samagri : सनातन धर्म में पूजा पाठ का बहुत महत्व है। शास्त्रों में पूजा पद्धति के बारे में बताया गया है। धार्मिक साहित्यों में बताया गया है। पूजा करना भक्त का अपने प्रभु के प्रति प्रेम का भाव समर्पित करने का एक ढंग होता है। पौराणिक ग्रंथों में बताया गया है कि पूजा में भगवान को कई प्रकार सामग्री अर्पित की जाती है। हर सामग्री का एक प्रतीकात्मक ढंग होता है, उसका धार्मिक, आध्यात्मिक एवं मनोवैज्ञानिक आधार होता है। पूजन की सभी सामग्री भक्त का अपना अहोभाव प्रकट करती है। ईश्वर की उपासना में उपयोग होने वाली सामग्री जैसे, धूप-दीप, प्रसाद और फूल हर चीज का अपना महत्व है और यह पूजा को सफल बनाने के के महत्वपूर्ण अंग हैं। आइये जानते है ईश्वर के हर रूप की उपासना में इन पूजन सामग्रियों का प्रयोग क्यों होता है।
हम ईश्वर को प्रकाश के रूप में मानते हैं। इसलिए दीपक जलाकर उसकी ज्योति के रूप में ईश्वर को स्थापित करते हैं। दीपक से एकाग्रता और ऊर्जा दोनों प्राप्त होती है।
व्यक्ति के मन को एकाग्र करने के लिए सुगंध का प्रयोग करते हैं। तनाव घटाने के लिए भी सुगंध का प्रयोग किया जाता है। सुगंध से व्यक्ति अपने मन की तमाम चिंताओं को तुरंत दूर कर सकता है। इसीलिए पूजा के दौरान धूपबत्ती या अगरबत्ती का प्रयोग किया जाता है। ईश्वर को फूल चढ़ाकर हम अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं। खुद भी फूलों का प्रयोग करके हम अपने मन को बेहतर करने की कोशिश करते हैं।