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प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना जन-जन के जीवन को खुशहाल बनाने और रोजगार सृजित करने में सहायक होगी : राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल

राज्यपाल  ने लखनऊ विश्वविद्यालय के पुनर्निर्मित एपी सेन सभागार में निराश्रित बच्चों व संरक्षकों को उपहार देकर प्रोत्साहित किया, उम्मीद संस्था के बच्चों व विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखा, विश्वविद्यालय के 10 छात्र-छात्राओं को टैबलेट एवं मोबाइल का वितरण व विश्वविद्यालय के कुशल कार्मिकों को सम्मानित किया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊः प्रदेश की राज्यपाल  आनंदीबेन पटेल ने आज विश्वकर्मा जयंती व  प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी  के जन्मदिवस पर लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में  प्रधानमंत्री  को समर्पित गौरव स्थल का लोकार्पण किया। राज्यपाल  ने लखनऊ विश्वविद्यालय के पुनर्निर्मित एपी सेन सभागार में निराश्रित बच्चों व संरक्षकों को उपहार देकर प्रोत्साहित किया, उम्मीद संस्था के बच्चों व विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों को देखा, विश्वविद्यालय के 10 छात्र-छात्राओं को टैबलेट एवं मोबाइल का वितरण व विश्वविद्यालय के कुशल कार्मिकों को सम्मानित किया।

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इस अवसर पर राज्यपाल  ने कहा कि  प्रधानमंत्री  द्वारा आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारम्भ हुआ है। उन्होंने कहा कि यह योजना देशवासियों के सपनों को पूरा करने, उन्हें आत्मनिर्भरता के पथ पर अग्रसर करने, जन-जन के जीवन को खुशहाल बनाने एवं युवाओं के लिए बेहतर भविष्य और रोजगार के अवसर को सृजित करने में सहायक होगी। उन्होंने इस योजना को गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक अच्छा प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था का विकास होगा तथा परम्परागत कौशल के कारीगरों के सम्मान के साथ-साथ भारतीय संस्कृति का भी संरक्षण होगा।

राज्यपाल  ने  प्रधानमंत्री  को विश्वकर्मा जी का सच्चा अनुयायी बताते हुए कहा कि आज देश में कौशल को सम्मान देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस सदी को भारत की सदी बनाने के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि भारत के युवा शिक्षा के साथ-साथ कौशल में भी समान रूप से दक्ष हों। इसलिए सरकार ने युवाओं के कौशल विकास और नए संस्थानों के निर्माण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

राज्यपाल  ने लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति को लागू करने, मैनेजमेंट एवं पर्यटन संस्थान द्वारा चलाये गये उद्यमिता सम्मेलन, जूट उत्पादन प्रशिक्षण एवं विभिन्न प्रकार के कौशल विकास कार्यक्रमों के आयोजन की चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के विभागों द्वारा छात्रों को स्वावलम्बी बनाने हेतु कौशल विकास एवं वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्सेज को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, जो प्रशंसनीय है।

राज्यपाल  ने उम्मीद संस्था के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए कहा कि बच्चों ने भिक्षावृत्ति को छोड़कर शिक्षा ग्रहण करना शुरू किया है यह पुण्य का काम है। राज्यपाल जी ने कहा कि ऐसे बच्चों का स्कूल में दाखिला एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि सबको शिक्षा मिले। हमारे संविधान में भी इस चीज का उल्लेख है कि सभी को शिक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा ऐसे बच्चों को गोद लिए जाने पर खुशी व्यक्त किया।

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राज्यपाल  ने हालिया जी-20 बैठक की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री  द्वारा वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर भारत को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में आगे भी ऐसे कार्यक्रम होते रहें तो ऐसी कोई ताकत नहीं जो भारत को विश्व गुरु बनने से रोक सके।

राज्यपाल  ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने दायित्व और जिम्मेदारी को शत-प्रतिशत पूर्ण करना चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को शिक्षा से अलग, विविध सामाजिक गतिविधियों को करने हेतु प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय प्रोफेसर आलोक कुमार राय, स्टूडेंट वेलफेयर की डीन प्रो0 संगीता साहू, अधीक्षक प्रो0 डी0 के0 सिंह, कला संकाय के डीन प्रो0 अरविंद अवस्थी व अन्य अध्यापक गण, उम्मीद संस्था से आए बच्चे तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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