भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए प्रदोष व्रत का पालन किया जाता है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि रखा जाता है। धार्मिक ग्रथों के अनुसार हर माह में 2 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में मानते हैं।
Pradosh Vrat 2021: भगवान भोलेनाथ की आराधना के लिए प्रदोष व्रत का पालन किया जाता है। यह व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि रखा जाता है। धार्मिक ग्रथों के अनुसार हर माह में 2 प्रदोष व्रत रखे जाते हैं, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में मानते हैं। कार्तिक मास का दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी, 16 नवंबर को मनाया जाएगा।इस बार यह व्रत मंगलवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है।प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना अवश्य करें।भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान भगवान (Hanuman ji) का भी आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। विशेष् उपाय के साथ् व्रत करने से तो कर्ज से मुक्ति भी पाई जा सकती है।भौम प्रदोष व्रत के दिन कर्ज मुक्ति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. ऐसा करना लाभदायी होता है।
प्रदोष व्रत का पूजन सदैव प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय ही किया जाता है।