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Puja and Aarti : पूजा के आखिर में जरूरी है ‘आरती’, भक्त की भक्ति भगवान तक पहुंचती है

सनातन धर्म में पूजा अनुष्ठान का विशेष महत्व है। प्रकृति और परमात्मा के सन्निकट पहुंचने के लिए पूजा करने के विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार पूजा पाठ करने के लिए विशेष विधि विधान बनाने गए है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Puja and Aarti : सनातन धर्म में पूजा अनुष्ठान का विशेष महत्व है। प्रकृति और परमात्मा के सन्निकट पहुंचने के लिए पूजा करने के विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार पूजा पाठ करने के लिए विशेष विधि विधान बनाने गए है। सभी पूजा और व्रत की अलग-अलग विधियां होती हैं। विधि के अनुसार पूजा करने के बाद आरती करना आवश्यक है। बिना आरती के पूजा अधूरी मानी जाती है और उस पूजा फल नहीे प्राप्त होता है।

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आरती के महत्व के बारे में जानने के बाद सभी भक्तों को इसको जरूर पालन करना चाहिए। आरती की मान्यता वास्तु शास्त्र में भी बताया गया है। वास्तु के अनुसार भी आरती को उपयोगी माना जाता है। वास्तु शास्त्र  के अनुसार आरती करने से पूजा स्थल और घरों का वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है। पूजा के दौरान यही समय होता है जब भगवान को प्रसन्न करने के लिए पूजा करने वाला साधक यदि मनोयोग से आरती वंदना करें, तो उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण करने में भगवान देरी नहीं करते कृपा करते है।

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