नई दिल्ली: अगर आप अपने देश से बाहर हैं तो आपके लिए भारतीय पासपोर्ट बहुत ही महत्वपूर्ण है। लेकिन आपको फिर भी इसका सही महत्त्व जानना हो तो करीब 18 साल जेल में बिताकर वतन वापस लौंटी 65 साल की हसीना बेगम से पूछ लीजिए।
जानकारी के अनुसार साल 2002 में हसीना बेगम अपने किसी रिश्तेदार से मिलने लाहौर गईं थीं जहां उनका पासपोर्ट खो गया। इसके बाद तो उनपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा और पाकिस्तान सरकार ने उन्हें जेल में बंद कर दिया। पिछले 18 साल से बिना कोई जुर्म किए वह जेल में रहीं। इसके बाद गणतंत्र दिवस के मौके पर मंगलवार को वो अपने देश भारत वापस लौट पाईं। वहीं उनकी वतन वापसी भी औरंगाबाद पुलिस की सक्रियता की वजह से संभव हो पाई।
हसीना बेगम ने देश वापसी के बाद पाकिस्तान के अपने बुरे अनुभवों को लोगों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं वहां बहुत मुश्किल दौर से गुजरी हूं। मुझे जबरन जेल में बंद रखा गया जबकि मेरी कोई गलती नहीं थी। उन्होंने कहा अब अपने देश लौट कर मुझे शांति मिली है और ऐसा लग रहा है जैसे मैं स्वर्ग में हूं.. हसीना बेगम ने देश वापसी में मदद करने के लिए औरंगाबाद पुलिस को शुक्रिया अदा किया और कहा कि इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर औरंगाबाद पुलिस ने उनकी मदद की है।