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राहुल भट्ट हत्या मामला: 350 कश्मीरी पंडितों ने राज्यपाल को भेजा सामूहिक इस्तीफा, केंद्र की एक योजना के तहत कर रहे हैं नौकरी

जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में गुरुवार को 35 साल के कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या को लेकर तनाव बढ़ गया है। इस हत्या के मामले के विरोध में शुक्रवार को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत नौकरी करने वाले 350 कश्मीरी पंडितों ने एलजी को अपना सामूहिक त्यागपत्र भेज दिया है। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के खास तौर पर शुरू किए गए रोजगार कार्यक्रम के तहत राहुल भट को नौकरी मिली थी।

By प्रिन्स राज 
Updated Date

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के बड़गाम जिले में गुरुवार को 35 साल के कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या को लेकर तनाव बढ़ गया है। इस हत्या के मामले के विरोध में शुक्रवार को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत नौकरी करने वाले 350 कश्मीरी पंडितों ने एलजी को अपना सामूहिक त्यागपत्र भेज दिया है। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के खास तौर पर शुरू किए गए रोजगार कार्यक्रम के तहत राहुल भट को नौकरी मिली थी।

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वो चदूरा स्थित तहसील दफ्तर में काम करते थे। बता दें कि गुरुवार को बड़गाम जिले के एक सरकारी दफ्तर में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों ने दफ्तर में घुसकर राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से घाटी में जबर्रदस्त तनाव का माहौल है। लश्कर से जुड़े संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। चश्मदीदों के मुताबिक शाम करीब 4:30 बजे लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी तहसील दफ्तर में घुसे और भारी भीड़ के बीच ढूढ़कर उन्होंने राहुल भट को गोली मार दी और फिर मौके से फरार हो गए।

राहुल बट बड़गाम जिले के विस्थापित कॉलोनी में रहते थे और पिछले आठ सालों से वहीं नौकरी कर रहे थे। राहुल भट के परिवार में उनकी पत्नी, उनका पांच साल का बेटा और पिता हैं जो पुलिस से रिटायर हो चुके हैं। राहुल बट की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने गुरुवार रात जम्मू-श्रीनगर हाईवे और बारामुला श्रीनगर हाईवे जाम कर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने राहुल बट के शव को सड़क पर रखकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कश्मीरी पंडितों की मांग है कि उनका ट्रांसफर जम्मू किया जाए क्योंकि वो बिना सुरक्षा अब दफ्तर नहीं जाएंगे।

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