अब राजस्थान विधानसभा में हुए हंगामे के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के प्रस्ताव के बाद राजेंद्र गुढ़ा और बीजेपी विधायक मदन दिलावर को निलंबित कर दिया गया।
Rajasthan Politics: राजस्थान में इन दिनों सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ। वहीं, अब राजस्थान विधानसभा में हुए हंगामे के बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के प्रस्ताव के बाद राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) और बीजेपी विधायक मदन दिलावर (BJP MLA Madan Dilawar) को निलंबित कर दिया गया। ऐसे में अब दोनों ही विधायक अब बचे हुए सत्र में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। स्पीकर सीपी जोशी ने बीजेपी विधायक मदन दिलावर को कागज फेंकने और हंगामा करने को लेकर सदन से बाहर निकालने का आदेश दिया। इसके बाद बीजेपी विधायकों ने वेल में आकर धरना दिया।
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने लगाया था ये आरोप
राजस्थान की गहलोत सरकार (Gehlot government) के मंत्री रहे राजेंद्र सिंह गुढ़ा (Rajendra Singh Gudha) ने सोमवार को बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, उन्हें सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी गई और कांग्रेस के मंत्रियों ने उन्हें घसीट कर सदन से बाहर निकाल दिया। मीडिया से बातचीत के दौरान वो फूट-फूटकर रोने भी लगे। यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया कि 50 से ज्यादा लोगों ने उन पर हमला किया और उन्हें मुक्का मारा, लात मारी। इसके साथ ही आरोप लगाया कि, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति भी नहीं दी। मेरे खिलाफ आरोप लगाए गए कि मैं बीजेपी के साथ हूं। मैं जानना चाहता हूं कि मेरी गलती क्या है?
गहलोत सरकार ने मंत्री पद से किया बर्खास्त
बता दें कि, सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने वाले राजेंद्र गुढ़ा पहले सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाते थे। वह झुंझुनूं के उदयपुरवाटी से बसपा के टिकट पर विधायक बने। शुक्रवार को अपने ही सरकार को घेरने के बाद सीएम अशोक गहलोत की सिफारिश पर उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया।