किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) किसानों के मुद्दों को लेकर अक्सर सरकार को घेरते रहते हैं। इस बीच उन्होंने फिर से सरकार के सामने कई मांगे रखी हैं। उनका कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर दोबारा आंदोलन शुरू किया जाएगा। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) के सामने अपनी मांगों को रखा था।
नई दिल्ली। किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) किसानों के मुद्दों को लेकर अक्सर सरकार को घेरते रहते हैं। इस बीच उन्होंने फिर से सरकार के सामने कई मांगे रखी हैं। उनका कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर दोबारा आंदोलन शुरू किया जाएगा। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) के सामने अपनी मांगों को रखा था।
वहीं, अब फिर से उन्होंने सरकार के सामने अपनी नई मांगे रखी हैं। शुक्रवार को राकेश टिकैत ने करीब 50 फार्म यूनियन और समाजिक संगठनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन अभी समाप्त नहीं हुआ है। केंद्र अगर इसको लेकर सोच रहा है तो ये गलत है। किसान अभी पीछे नहीं हटे हैं।
उन्होंने इस दौरान स्पष्ट रूप से संकेत दे दिया कि दोबारा आंदोलन किया जा सकता है। बता दें कि, किसानों ने बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा के सदस्यों के स्थाई प्रतिनिधित्व को खत्म करने का फैसला वापस लेने की मांग की है।
इसके अलावा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस की किताबों में सिख इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई और आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की है।
इसके साथ ही किसान नेता किसान कैदियों की रिहाई, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए कानून और एमएसपी के तहत सभी फसलों की खरीद की गारंटी की मांग कर रहे हैं।