कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को दोबारा तेज करने के लिए किसानों में नया जोश भर गया है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है।इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान संगठनों के 26 मई काला दिवस मनाने पर बड़ा ऐलान किया है। टिकैत ने कहा है कि बुधवार को भारत सरकार का पुतला जलाया जाएगा। इसके अलावा ट्रैक्टर व घरों पर काला झंडा लगाया जाएगा। ये सुबह 9-10 बजे से शुरू होगा।
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को दोबारा तेज करने के लिए किसानों में नया जोश भर गया है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसान संगठनों के 26 मई काला दिवस मनाने पर बड़ा ऐलान किया है। टिकैत ने कहा है कि बुधवार को भारत सरकार का पुतला जलाया जाएगा। इसके अलावा ट्रैक्टर व घरों पर काला झंडा लगाया जाएगा। ये सुबह 9-10 बजे से शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ काले झंडे लगाएंगे। कोई भीड़-भाड़ या जनसभा नहीं होगी। कोई दिल्ली नहीं जा रहा है। लोग जहां भी होंगे वहीं झंडे लगाएंगे। अब 6 महीने हो गए हैं, सरकार ने काला कानून वापस नहीं लिया है। इसीलिए किसानों द्वारा ब्लैक डे मनाया जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले रविवार को राकेश टिकैत ने कहा था किसान संगठन केंद्र सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन इसके साथ ही एक बार फिर से अड़ियल रुख दिखाते हुए उन्होंने कहा था कि सरकार से बातचीत तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर ही होगी। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी हुए बिना किसानों की घर वापसी का कोई सवाल ही नहीं उठता। मोहाली में मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने यह बात कही थी। वह शहीद-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे अभय सिंह संधू की मौत पर परिवार से मुलाकात करने जा रहे थे। संधू की मौत कोरोना संक्रमण के चलते हुई थी।
बता दें कि 26 जनवरी को गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल जुटने पर राकेश टिकैत भावुक हो गए थे और इसके बाद एक बार फिर से आंदोलन की धार तेज हो गई थी। उसके बाद से ही राकेश टिकैत मूवमेंट का चेहरा बनकर सामने आए हैं।