HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. हरियाणा पहुंचे राकेश टिकैत ने भरी हुंकार, बोले- 35 माह और चलेगा किसान आंदोलन

हरियाणा पहुंचे राकेश टिकैत ने भरी हुंकार, बोले- 35 माह और चलेगा किसान आंदोलन

दिल्ली-जयपुर हाईवे (Delhi-Jaipur Highway)  स्थित खेड़ा बॉर्डर ( Kheda Borderपर किसान आंदोलन (farmers' protest) जारी है। इस धरने पर शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) हरियाणा पहुंचे थे। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार यदि अड़ियल रवैया नहीं छोड़ा तो किसान आंदोलन अगले 35 महीने और चलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार शर्तों के साथ बात करने पर अड़ी हुई है, लेकिन किसान तीनों कानूनों को रद्द करवाने पर कुछ नहीं मानेंगे।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। दिल्ली-जयपुर हाईवे (Delhi-Jaipur Highway)  स्थित खेड़ा बॉर्डर ( Kheda Borderपर किसान आंदोलन (farmers’ protest) जारी है। इस धरने पर शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) हरियाणा पहुंचे थे। टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार यदि अड़ियल रवैया नहीं छोड़ा तो किसान आंदोलन अगले 35 महीने और चलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार शर्तों के साथ बात करने पर अड़ी हुई है, लेकिन किसान तीनों कानूनों को रद्द करवाने पर कुछ नहीं मानेंगे।

पढ़ें :- IND vs ENG T20 Series: इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया का एलान, मोहम्मद शमी की टीम में हुई वापसी

टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार (Haryana Government) की सख्ती से किसान किसी भी कीमत पर डरने वाले नहीं हैं। बॉर्डर पर किसानों की संख्या कम होने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि रणनीति के मुताबिक ऐसा किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी शक्ति देखनी चाहती है। तो उन्होंने कहा कि एक बार बताए और दोबारा दिल्ली में 5 लाख ट्रैक्टर पहुंच जाएंगे।

गुरनाम चढ़ूनी से राहें जुदा होने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि विचार अलग होने के चलते ऐसा किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान मोर्चा चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है, लेकिन अगर चढ़ूनी चुनाव लड़ना चाह रहे थे। वह भी जल्दी ही साथ आ जाएंगे और उनका विचार भी बदलेगा।

केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी (Union Minister Meenakshi Lekhi) द्वारा किसानों को मवाली बताने के सवाल पर टिकैत लेकहा कि किसान महिलाओं का सम्मान करते हैं। जंतर-मंतर पर चल रही किसान संसद में जमकर हंगामा हुआ है। किसान संसद( farmers’ parliament) में सरकार के पैरोकार के तौर पर बतौर कृषि मंत्री चुने गए किसान नेता रवनीत सिंह बराड़ विपक्ष के सवालों से घिरे रहे। जवाब देने में नाकाम रहने पर आखिर में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जबकि दूसरे दिन किसान संसद में मंडी कानून पर चर्चा जारी रही।

इस दौरान किसान प्रतिनिधियों ने मोदी सरकार के कानून को सिरे से खारिज कर दिया। किसानों ने केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी के बयान की भी आलोचना की है। 200 महिला किसान प्रतिनिधियों पर सत्र के संचालन से लेकर हर गतिविधि तक की जिम्मेदारी होगी।

पढ़ें :- चुनाव आयोग को केजरीवाल ने लिखा पत्र, कहा-अपने पते पर फर्जी वोट बनवा रहे बीजेपी नेता, दर्ज हो FIR

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...