नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शशिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा की। बता दें, तीन दिनों तक चली मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी से आमजन को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन बजट के बाद उन्हें एक बार फिर निराशा का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, इस बार भी आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किए हैं। बता दें, बजट पेश होने के बाद मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की ये पहली बैठक थी, जोकि बुधवार को शुरू हुई थी।
जानिए गवर्नर शशिकांत दास ने क्या कहा
-आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि सीपीआई महंगाई (CPI inflation) का चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी रहने का अनुमान है।
-अगले वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्रीय बैंक ने देश की जीडीपी में 10.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है। हालांकि, बजट के दौरान यह 11 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया था।
-ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर ग्राहकों को नई राहत नहीं मिली है क्योंकि रेपो रेट में आरबीआई ने कोई बदलाव नहीं किया है। ऐसे में अभी भी ये चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।
-दास ने बताया कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।
-4.25 फीसदी पर बैंक रेट भी स्थिर है। यानि इसमें भी किसी तरह के कोई बदलाव नहीं किए गए हैं।
-मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर है।
-मौद्रिक रुख को भारतीय रिजर्व बैंक ‘उदार’ बनाए रखा है।
-नीतिगत रुख को एमपीसी ने Accomodative रखा है।
-शेयर बाजार में भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी से पहले तेजी दर्ज की गई थी। इस दौरान पहली बार सेंसेक्स ने 51 हजार के पार पहुंचकर इतिहास रचा। यही नहीं, निफ्टी ने भी रिकॉर्ड बनाया।
-आखिरी बार 22 मई, 2020 में रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों संशोधन किया था।