Rishi Sunak : भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने पहली बार हिंदू प्रधानमंत्री के तौर पर ब्रिटेन की सत्ता संभाली हैं। 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रवेश के दौरान उनके हाथ में पवित्र लाल हिंदू ‘कलावा’ धागा पहने देखा गया तो उनके गले में गेंदे की माला भी।
Rishi Sunak : भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने पहली बार हिंदू प्रधानमंत्री के तौर पर ब्रिटेन की सत्ता संभाली हैं। 10 डाउनिंग स्ट्रीट में प्रवेश के दौरान उनके हाथ में पवित्र लाल हिंदू ‘कलावा’ धागा पहने देखा गया तो उनके गले में गेंदे की माला भी।
ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) जैसे दुनिया के नामचीन शिक्षण संस्थानों से शिक्षा हासिल करने वाले ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को मंगलवार को किंग चार्ल्स (king charles) ने ब्रिटेन का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। सुनक को अपने हिंदू होने पर गर्व है।
भाषण के दौरान उन्होंने मौजूद लोगों का अभिवादन किया तो उनके हाथ में कलावा देखा गया। कलावा को बहुत पवित्र माना जाता है और यह हिंदुओं के धार्मिक कार्यो के दौरान उपयोग किया जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, हाथ में कलावा बांधने से शत्रु पर विजय मिलती है। 42 वर्षीय ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनते ही इतिहास रच दिया और वह पहले गैर-श्वेत व्यक्ति है। नए किंग चार्ल्स III के तहत शपथ लेने वाले पहले प्रधानमंत्री भी है। ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने कहा कि ब्रिटेन के पहले हिंदू पीएम का चुनाव एक ऐतिहासिक क्षण है।
सुनक ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट से अपने बयान में कहा कि उन्हें पूर्व पीएम लिज़ ट्रस की गलतियों के लिए चुना गया है। उन्होंने यूके के पूर्व पीएम लिज़ ट्रस की सराहना करते हुए कहा कि वह देश में विकास करना चाहती थीं। सुनक ने कहा कि उनकी सरकार हर स्तर पर सत्यनिष्ठा, व्यावसायिकता और जवाबदेही होगी।
हिंदू पहचान और भारतीय जड़ों पर गर्व
ऋषि को अपने हिंदू होने और अपनी भारतीय जड़ों पर गर्व रहा है। इसीलिए वित्त मंत्री बनने के बाद पहली दिवाली मनाते हुए वह अपने आवास 11, डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर भी दिवाली के दीये जलाते नजर आए थे।
सुनक के दादा-दादी पंजाबी थे
सुनक का जन्म ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में भारतीय हिंदू परिवार में हुआ। उनके दादा-दादी मूलत: पंजाब के रहने वाले थे। फार्मासिस्ट मां व डॉक्टर पिता के बेटे, सुनक की शिक्षा ब्रिटेन के सबसे प्रसिद्ध और महंगे स्कूलों में से एक, विनचेस्टर और फिर ऑक्सफोर्ड में हुई। उन्होंने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप में तीन साल काम किया और फिर कैलिफोर्निया के स्टैनफर्ड से एमबीए किया। यहीं उनकी अक्षता मूर्ति से मुलाकात हुई।