सनातन धर्म में प्रकृति से जुड़ी विविधताओं को बहुत ही सहेज कर रखा गया है। हिमालय पर मिलने वाले फल रुद्राक्ष का विशेष धार्मिक महत्व है।
Rudraksha niyam : सनातन धर्म में प्रकृति से जुड़ी विविधताओं को बहुत ही सहेज कर रखा गया है। हिमालय पर मिलने वाले फल रुद्राक्ष का विशेष धार्मिक महत्व है। मन शांत रखने के लिए रुद्राक्ष कई लोग धारण करते हैं।रुद्राक्ष असल में एक फल है। पौराणिक कथा के अनुसार,जब कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव ने अपनी आँखें खोली थी तो उनकी आंखों से कुछ आँसू की बूंदे धरती पर आ गिरी थी और इसी से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है।
रुद्राक्ष पहनने के साथ-साथ इसे पवित्रता का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। हालांकि जीवन के कुछ कामों में रुद्राक्ष धारण करने से वह अपवित्र हो जाता है और इसके परिणाम भी उल्टे होने लगते हैं। तो आइए जानते हैं, जानिए किसे धारण नहीं करना चाहिए।
माना जाता है कि बच्चे के जन्म लेने के बाद कुछ दिनों तक मां और बच्चा अशुद्ध रहते हैं। ऐसे समय में माँ को गलती से भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए. इसके अलावा जो लोग रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं, उन्हें भी ऐसे कमरे में नहीं जाना चाहिए, जहां मां और बच्चे हैं।
रुद्राक्ष पहनकर गलती से भी धूम्रपान और मांसाहार न करें। इससे रुद्राक्ष अपवित्र भी हो जाएगा और यह आपको फायदे की जगह बड़ा नुकसान भी पहुंचा सकता है।रुद्राक्ष पहनकर शवयात्रा या शमशान घाट पर जाने से बचना चाहिए।