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Russia-Ukraine Conflict : रूसी सेना ने 5 यूक्रेनी मारने किया दावा,सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने आरोप

Russia-Ukraine Conflict : रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इसी बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन (Ukraine) ने रूसी सीमा पर गोलीबारी करके नुकसान पहुंचाया है। AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक रूसी सेना का ये भी दावा किया है कि सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले 5 यूक्रेनी (Ukrainians) मारे गए हैं। हालांकि सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले दावे से यूक्रेन (Ukraine) ने इनकार कर रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Russia-Ukraine Conflict : रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। इसी बीच रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन (Ukraine) ने रूसी सीमा पर गोलीबारी करके नुकसान पहुंचाया है। AFP न्यूज एजेंसी के मुताबिक रूसी सेना का ये भी दावा किया है कि सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले 5 यूक्रेनी (Ukrainians) मारे गए हैं। हालांकि सीमा क्षेत्र में नुकसान पहुंचाने वाले दावे से यूक्रेन (Ukraine) ने इनकार कर रहा है।

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वहीं, कुछ सैटेलाइट तस्वीरों में चौंकाने वाला सच सामने आया है। यूक्रेन की सीमा के पास रूसी सैनिकों का मूवमेंट बढ़ गया है। यहां बख्तरबंद वाहन, तोपखाने, टैंक और सैनिक लगातार आगे बढ़ रहे हैं। यूक्रेन की सीमा से 35 किमी की दूरी सोलोटी गैरीसन के उत्तर-पूर्व में रूसी सैनिकों की गाड़ियों का काफिला, राइफल बटालियन की आवाजाही देखी जा सकती है। इतना ही नहीं, सोलोटी के पास दक्षिण की ओर बढ़ रही बख्तरबंद बटालियन भी तस्वीरों में दिख रही हैं।

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रूस और यूक्रेन में बीच क्या महायुद्ध शुरू हो गया है? इसके बीच जहां रूस ने सोमवार को दावा किया है कि यूक्रेन की बमबारी में उसकी सीमा चौकी को उड़ा दिया है। तो वहीं इससे पहले यूक्रेन ने भी कई बार दावा किया है कि रूसी समर्थित अलगाववादियों ने उसके लोगों पर गोलीबारी की है। हालांकि रूस की तरफ से पहली बार कहा गया कि यूक्रेन की बमबारी में रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (FSB ) द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सीमा चौकी को नष्ट कर दिया है।

बता दें कि पश्चिमी देशों को डर है कि हाल के हफ्तों में यूक्रेन की सीमा के पास रूसी सैनिकों का जमावड़ा एक आक्रमण का संकेत है। इन देशों का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो वे मास्को के खिलाफ “बड़े पैमाने पर” प्रतिबंध लगाएंगे। हालांकि रूस आक्रमण की किसी भी योजना से इनकार करता है, लेकिन व्यापक सुरक्षा गारंटी चाहता है।

रूसी समाचार एजेंसियों के मुताबिक सिक्युरिटी सर्विस ने दिए गए एक बयान में कहा कि 21 फरवरी को, सुबह 9:50 बजे (0650 GMT), यूक्रेन से दागे गए एक अज्ञात प्रक्षेप्य ने रूसी-यूक्रेनी सीमा से लगभग 150 मीटर की दूरी पर रोस्तोव क्षेत्र में FSB सीमा रक्षक सेवा द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सीमा चौकी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

दावा : 1.6 लाख रूसी सैनिक यूक्रेन पर हमला करने को तैयार

यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका और यूक्रेन की सीमाओं के आसपास रूस की सेना के बड़े पैमाने पर जमावड़े को लेकर मास्को और पश्चिम के बीच तनाव हफ्तों से बढ़ रहा है। पश्चिमी खुफिया एजेंसियों का दावा है कि करीब 1.6 लाख रूसी सैनिक यूक्रेन पर हमला करने के लिए तैयार हैं। यूक्रेन ने यूरोपीय संघ द्वारा रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की मांग की है, ताकि यह दिखाया जा सके कि वह युद्ध को रोकने के लिए गंभीर है। इस बीच, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि रूस “1945 के बाद से यूरोप में सबसे बड़े युद्ध” की योजना बना रहा है।

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बाइडेन-पुतिन की समिट पर संकट

बीते रविवार को फ्रांस के राष्ट्रपति माक्रों और पुतिन के बीच करीब दो घंटे की टेलीफोन बातचीत हुई थी। इसके बाद दोनों नेता यूक्रेन गतिरोध के समाधान की तलाश में तेजी लाने पर सहमत हुए। इस घटनाक्रम के बाद फ्रांस ने बताया कि यूक्रेन संकट पर एक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति माक्रों के प्रस्ताव को अमेरिकी और रूसी राष्ट्रपतियों ने स्वीकार कर लिया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति भवन और व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों के एक प्रस्ताव पर सहमति जताई थी।

लेकिन इस पहल को झटका देते हुए रूस ने सोमवार को कहा कि रूसी और अमेरिकी राष्ट्रपतियों के बीच एक शिखर सम्मेलन के आयोजन पर चर्चा करना जल्दबाजी होगी। रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं से कहा कि किसी भी प्रकार के शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए किसी विशेष योजना के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। पेसकोव ने कहा कि यह समझ में आता है कि विदेश मंत्रियों के स्तर पर बातचीत जारी रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शिखर सम्मेलन के लिए  ‘कोई ठोस योजना नहीं है’।

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