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Sadashiv Amrapurkar Birthday Special: सदाशिव नहीं बल्कि गणेश कुमार नारवोड़े था असली नाम, जाने 7 अनसुने किस्से

90 के दशक के फेमस खलनायक कहे जाने वाले सदाशिव अमरापुरकर (Sadashiv Amrapurkar) आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका नाम सुनते ही लोग खौफ में आ जाता है। 11 मई 1950 को अहमद नगर में जन्मे हुए अमरापुरकर अपने अलग-अलग किरदारों में लोग हमेशा याद रखेंगे। 

By आराधना शर्मा 
Updated Date

Sadashiv Amrapurkar Birthday Special: 90 के दशक के फेमस खलनायक कहे जाने वाले सदाशिव अमरापुरकर (Sadashiv Amrapurkar) आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका नाम सुनते ही लोग खौफ में आ जाता है। 11 मई 1950 को अहमद नगर में जन्मे हुए अमरापुरकर अपने अलग-अलग किरदारों में लोग हमेशा याद रखेंगे।

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आपको बता दें, सदाशिव अमरापुरकर (Sadashiv Amrapurkar) विलेन और कॉमेडी से जुड़े कई किरदारों में आपने बड़े पर्दे पर अपनी एक्टिंग का दम दिखाते देखा होगा, लेकिन उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें हैं जिनके बारे में आप बिल्‍कुल नहीं जानते होंगे। आइए बताएं आपको इनकी जिंदगी से जुड़े कुछ राज…

सदाशिव अमरापुरकर की 7 खास बातें 

    •  सदाशिव अमरापुरकर का असली नाम गणेश कुमार नारवोड़े था और उनको उनका परिवार व दोस्त-यार तात्या के नाम से बुलाते थे।
    • बॉलीवुड फिल्म निर्देशक गोविंद निहालानी ने इनको मराठी स्टेज प्ले ‘हैंड्स-अप’ करते देखा, इसमें अमरापुरकर ने अविनाश मासूरेकर और भक्ति बारवे-इमानदार के साथ अभिनय किया था। इस स्टेज प्ले में अमरापुरकर को एक्ट करता देख गोविंद निहालानी ने इनको अपनी फिल्म ‘अर्द्ध सत्य’ में रामा शेट्टी के किरदार के लिए लेने का विचार बना लिया।
    •  इसके बाद 1984 में इनको फिल्म ‘अर्द्ध सत्य’ में सपोर्टिंग एक्टर के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी दिया गया। यह उनके कॅरियर की पहली फिल्म थी।

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    • 1991 में अमरापुरकर ने फिल्म ‘सड़क’ में एक क्रूर हिजड़े के रूप में विलेन का किरदार निभाने को लेकर फिल्म फेयर की ओर से बेस्ट विलेन की ट्रॉफी भी जीती। ये पहली बार था जब किसी नाकरात्मक केटेगरी को फिल्म फेयर में शामिल किया गया था।
    • 1987 में इन्होंने एक्टर धर्मेंद्र स्टारर फिल्म ‘हुकूमत’ में मुख्य विलेन का किरदार निभाया। यह उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। यहां तक की कमाई की दौड़ में इस फिल्म ने ‘मिस्टर इंडिया’ को भी पछाड़ दिया था।

  •  अपने कॅरियर के तीन दशकों में अमरापुरकर ने करीब 300 फिल्मों में काम किया। इनमें हिंदी, मराठी, बंगाली, उड़िया और हरियाणवी फिल्में भी शामिल थीं।
  •  मार्च, 2013 में जब होली के त्योहार पर अमरापुरकर मुंबई में अपने घर के पास पानी की बर्बादी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे, उस समय कुछ लोगों ने उनपर हमला बोल दिया।

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