उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं सैनिक स्कूल में पला-बढ़ा हूं! मेरा जन्म ग्राम किठाना में हुआ था पर मेरा असली जन्म सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुआ। मैंने अनेक सैनिक स्कूल, मिलिट्री स्कूल और राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में जाकर वहां का ढांचा देखा है। लेकिन सैनिक स्कूल गोरखपुर में जो विकसित निर्माण हुआ है, वो भविष्य की पीढ़ी के निर्माण का एक रास्ता है, जो पूरे देश को दिखाएगा। गोरखपुर की पृष्ठभूमि, संस्कृति और विरासत बच्चों के कानों में सदा गूंजती रहेगी।
गोरखपुर। उपष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीएम योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में गोरखपुर में प्रदेश के पहले सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, यह सैनिक स्कूल विद्यार्थियों को जीवन में अनुशासन और उत्तरदायित्वों का बोध कराने के साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा। गोरखपुर प्रथम आगमन पर उपराष्ट्रपति जी का हार्दिक अभिनंदन एवं पूर्वी उ.प्र. को प्रथम सैनिक स्कूल की सौगात प्राप्त होने पर प्रदेश वासियों को हृदय से बधाई।
वहीं, इस मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं सैनिक स्कूल में पला-बढ़ा हूं! मेरा जन्म ग्राम किठाना में हुआ था पर मेरा असली जन्म सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में हुआ। मैंने अनेक सैनिक स्कूल, मिलिट्री स्कूल और राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में जाकर वहां का ढांचा देखा है। लेकिन सैनिक स्कूल गोरखपुर में जो विकसित निर्माण हुआ है, वो भविष्य की पीढ़ी के निर्माण का एक रास्ता है, जो पूरे देश को दिखाएगा। गोरखपुर की पृष्ठभूमि, संस्कृति और विरासत बच्चों के कानों में सदा गूंजती रहेगी।
साथ ही कहा, मेरे प्यारे बच्चों-बच्चियों, डर का डर अपने मन से निकाल दो! डर का डर हमेशा काल्पनिक होता है, इसका कोई आधार नहीं होता। असफलता से तो बिल्कुल ही मत डरिए! असफलता तो सफलता का शुरुआती केंद्र है। याद कीजिए चंद्रयान-2, चंद्रयान-2 बहुत हद तक सफल हुआ, पर कुछ लोगों ने उसको असफल करार किया। चंद्रयान-3, 23 अगस्त 2023 को, जिसे अब हम स्पेस डे कहते है, चांद के उस कोने पर उतरा जहां दुनिया का कोई देश कभी नहीं पहुंच सका था। इस सफलता की नींव चंद्रयान-2 की आंशिक सफलता ने ही रखी थी। इसीलिए असफलता से कभी मत घबराइए।
सैनिक स्कूल गोरखपुर में आकर मेरा मन प्रफुल्लित है और मैं भाव-विभोर हूं। यह सैनिक स्कूल हर राज्य को प्रेरणा देगा कि वह आपकी तर्ज पर सैनिक स्कूल सोसायटी बनाए और सैनिक स्कूलों का निर्माण करे। बच्चों की संख्या से ज्यादा यहां मिली सीख और यहां के ज्ञान का प्रसार सकारात्मक रूप से हो सकेगा। मैं कामना करता हूं और मानकर चलता हूं कि सैनिक स्कूल के एक पूर्व छात्र होने के नाते मेरा जो लगाव गोरखपुर से हुआ है, वह जीवन पर्यंत बना रहेगा।