HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. जीवन मंत्रा
  3. Sant Kabir Jayanti : कबीर की साखियां ज्ञान का प्रकाश फैलाती है ,अज्ञानता मिटाती है

Sant Kabir Jayanti : कबीर की साखियां ज्ञान का प्रकाश फैलाती है ,अज्ञानता मिटाती है

जीवन,जीव और ब्रह्म का ज्ञान दुनिया को देने वाले संत कबीर की आज जयंती है। जीवन के मर्म और जीव के धर्म  के ताने बाने को तार तार करने वाले संत कबीर निर्गुण के गुण का दान दुनिया को दिया।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Sant Kabir Jayanti : जीवन,जीव और ब्रह्म का ज्ञान दुनिया को देने वाले संत कबीर की आज जयंती है। जीवन के मर्म और जीव के धर्म  के ताने बाने को तार तार करने वाले संत कबीर निर्गुण के गुण का दान दुनिया को दिया। कबीर साहब का आविर्भाव सन् 1398 में ज्येष्ठ पूर्णिमा, सोमवार को हुआ। इसी दिन काशी के जुलाहे नीरू अपनी नवविवाहिता नीमा का गौना करा कर अपने घर लौट रहे थे कि रास्ते में नीमा को प्यास लगी और लहरतारा तालाब पर पानी पीने के लिए गई। वहां बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी और जब देखा, एक बालक कमल दल के गुच्छ पर लेटा रो रहा था। नीरू व नीमा बालक को घर ले गए जो बाद में संत कबीर हुए। जहां कबीर जी पाए गए, उस स्थान को प्रकट स्थली कहा जाता है और वहीं प्रकट स्थली मंदिर बनाया गया है। कबीर चौरा मठ मूलगादी सिद्ध पीठ काशी कबीर साहब की कर्मभूमि है। नीरू एवं नीमा यहीं रहते थे। नीरू टीला कबीर का घर था। यहां पर ही कबीर जी का लालन-पालन हुआ। कबीर साहब के माता-पिता कपड़ा बुनने का कार्य करते थे और कबीर साहब भी इस कार्य में निपुण हो गए तथा अपने माता-पिता का हाथ बंटाने लगे।

पढ़ें :- Video-लाइफस्टाइल में बदलाव कर इस बुजुर्ग ने कैंसर को दिया मात, 69 की आयु में पता चली बीमारी,आज 102 साल उम्र में हैं फिट

कबीर साहब के माता-पिता कपड़ा बुनने का कार्य करते थे और कबीर साहब भी धागे को ज्ञान सदृश मान कर इस कार्य में निपुण हो गए तथा अपने माता-पिता का हाथ बंटाने लगे।

क्रांतिकारी समाज सुधारक थे
उनमें गूढ़ तत्वों को समझ कर उनकी गहराई में जाने और उनका विवेचन करने की असाधारण योग्यता थी। समाज की बुनावट को गहराई से समझाते हुए कबीर साहब ने समाज की कुरीतियों पर प्रहार किया। वे एक क्रांतिकारी समाज सुधारक थे।

तत्कालीन समाज का ध्यानाकर्षण किया
कबीर साहब ने अपना जीवन निर्गुण भक्ति में व्यतीत करते हुए अंधविश्वास का कड़ा विरोध किया।  समाज में फैली जात-पात ,छुआछूत उंच नीच, गरीब अमीर की कुरीतियों का विरोध करते हुए कबीर साहब ने ज्ञान मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार पर तत्कालीन समाज का ध्यानाकर्षण किया।

कबीर साहब कहते हैं कि साखियां हमारे जीवन की आंखें हैं। साखियां अज्ञानता के अंधकार दूर करके प्रकाश में बदलती हैं। उन्होंने संसार को समझने व जानने के लिए ज्ञान का रास्ता बताया है। दुनिया में झगड़ा इतना बढ़ गया है कि साखी ही अज्ञानता को दूर कर झगड़े समाप्त कर सकती है।

पढ़ें :- Harsh Goenka Viral Video : हर्ष गोयनका ने शेयर किया अनोखा वीडियो , देखकर महिलाएं हो जाएंगी खुश

सांच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप। जाके हिरदे सांच है, ताके हिरदे आप॥
कबीर साहब कहते हैं, सत्य के समान संसार में कोई तप नहीं और झूठ के बराबर कोई पाप नहीं है, जिसके हृदय में सत्य का निवास है, उसके हृदय में ईश्वर स्वयं वास करते हैं।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...