मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने मोदी सरकार (Modi Government) बड़ा हमला बोला है। मलिक ने कहा कि बीजेपी सरकार (BJP Government) ने उन्हें राष्ट्रपति पद का लालच दिया। उन्होंने बताया कि मुझे कहा गया कि चुप रहोगे तो राष्ट्रपति बना दिए जाओगे।
नई दिल्ली। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने मोदी सरकार (Modi Government) बड़ा हमला बोला है। मलिक ने कहा कि बीजेपी सरकार (BJP Government) ने उन्हें राष्ट्रपति पद का लालच दिया। उन्होंने बताया कि मुझे कहा गया कि चुप रहोगे तो राष्ट्रपति बना दिए जाओगे।
मलिक ने केंद्र पर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के रूप में मेरा कार्यकाल अगले छह से सात महीनों में खत्म हो जाएगा। उसके बाद मैं उत्तर भारत के सभी किसानों को एकजुट करने के लिए एक आउटरीच अभियान शुरू करूंगा।
केंद्र सरकार MSP पर कानूनी गारंटी देने में विफल
मलिक ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि हमने 700 से ज्यादा किसानों को खो दिया है, लेकिन एक कुतिया की मौत पर लेटर लिखने वाले प्रधानमंत्री ने उन किसानों की मौत पर एक शब्द तक नहीं बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार MSP पर कानूनी गारंटी देने में विफल रही है। क्योंकि प्रधानमंत्री के मित्र, जिन्होंने तीन कृषि कानून लाए जाने से पहले पानीपत में 50 एकड़ जमीन पर गोदाम का निर्माण किया था। वो कम कीमत पर गेहूं खरीदना चाहते हैं। ऊंची कीमतों पर बेचना चाहते हैं। यह किसानों और सरकार के बीच की लड़ाई है।
कृषि आंदोलन के दौरान मुझे हर एंगल से लुभाने की गई कोशिश
मेघालय के राज्यपाल उन किसानों के आरोपों की वकालत कर रहे थे, जिन्होंने कृषि आंदोलन के दौरान कहा था कि कानून बड़े व्यवसाय के हित में बनाए गए थे। मलिक ने यह भी दावा किया कि बीजेपी में उनके कुछ दोस्तों ने उनसे कहा कि अगर उन्होंने किसानों के विरोध के पक्ष में बात नहीं की तो उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए पदोन्नत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुझे हर एंगल से लुभाने की कोशिश की। हालांकि मैंने उनके सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया और किसानों के पक्ष में बात की, क्योंकि राज्यपाल और अध्यक्ष के ये पद मेरे लिए कुछ भी नहीं हैं।
‘किसानों ने लाल किले के सामने एक खंभे पर निशान साहब फहराकर कुछ भी गलत नहीं किया’
सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने कहा कि ‘मैंने पश्चिमी यूपी के कई गांवों का दौरा किया था। ग्रामीण इलाकों के लोग बीजेपी नेताओं से बहुत नाराज थे। यहां तक कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) को भी किसानों के आक्रोश की वजह से कई किलोमीटर तक दौड़ना पड़ा था। राज्यपाल ने पिछले साल गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद सिख समुदाय और किसानों को आतंकवादी के रूप में लेबल करने को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। मलिक ने कहा कि किसानों ने लाल किले के सामने एक खंभे पर निशान साहब फहराकर कुछ भी गलत नहीं किया।