जीवन शैली में जूते चप्पल पहनने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। लोग बिस्तर पर जाने के पहले तक अपने पैरों में जूते चप्पल पहने ही रहते है।
Shakun Shastra : जीवन शैली में जूते चप्पल पहनने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। लोग बिस्तर पर जाने के पहले तक अपने पैरों में जूते चप्पल पहने ही रहते है। भोजन करते वक्त और रसोई में काम करने के वक्त भी पैरों में चप्पल पहने रहते है। घर का स्थान बहुत पवित्र होता है। ऐसी जगह पर जूते चप्पल पहन कर जाना उचित नहीं माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि ग्रह का संबंध पैर से भी होता है। इसी प्रकार पैरों से संबंध रखने वाली वस्तुओं को उचित और सही स्थान पर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर के बाहर अव्यवस्थित तरीके से जूते-चप्पल रखने से निगेटिव एनर्जी एक्टिव हो जाती है। ऐसे में शनि वहां शनि का अशुभ प्रभाव देने लगता है।
1.पुराने जूते-चप्पल घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। ऐसी दशा में मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
2.पूजा घर या किचन की दीवार से सटाकर जूते-चप्पल के रैक को कभी भी नहीं रखना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
3.उत्तर दिशा या आग्नेय कोण और ईशान कोण में जूते-चप्पल की रैक या आलमारी नहीं बनवानी चाहिए।
4.बिस्तर के नीचे जूते-चप्पल रखने से स्वास्थ्य प्रभावित होता है।