भोजन जीवन का प्रमुख अंग है। जीवन शैली में इसका बहुत महत्व है। धार्मिक शास्त्रों में भोजन को लेकर कुछ आवश्यक नियम बनाए गए।
Shakun Shastra : भोजन जीवन का प्रमुख अंग है। जीवन शैली में इसका बहुत महत्व है। धार्मिक शास्त्रों में भोजन को लेकर कुछ आवश्यक नियम बनाए गए। भोजन का शिष्टाचार है। हर संस्कृतियों में इसको लेकर विशिष्ट नियम बनाए गए है। भोजन से शरीर और सेहत का गहरा रिश्ता जुड़ा है। भोजन विकास का प्रमुख अंग है। प्राचीन ग्रंथ शकुन शास्त्र में भोजन को ले कर शकुन अपशकुन की बातें बताई गई है। आईये जानते है भोजन के कुछ शकुन।
1.पूर्व दिशा में भोजन करना शुभ होता है, इससे व्यक्ति को पाचन समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
2.दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से मान-सम्मान की हानि होती है।
3.पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से आयु व है पश्चिमी की ओर मुख करके भोजन करने से धन लाभ होता ।
4.खाना खाने के बाद थाली में हाथ नहीं घुलना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता है।
5..हमेशा भोजन बैठकर करें। कभी भी सीधे जमीन पर बैठकर भोजन न करें, बल्कि आसन बिछाएं।
6.बिस्तर पर बैठ कर भोजन नहीं करना चाहिए।
थाली में उतना ही भोजन परोसें जितना आप खा सकते हैं।
पांचों उंगलियों से खाने को मुंह में भरना असभ्यता माना जाता है।