जीवन चक्र में कभी कभी कार्य करते समय अनुकूल व्यवस्था न होने पर जैसे तैसे कार्य को आगे बढ़ाना पड़ता है। कभी कायों का परिणाम अनुकूल और कभी परिणाम प्रतिकूल रहता है।
Shakun Shastra : जीवन चक्र में कभी कभी कार्य करते समय अनुकूल व्यवस्था न होने पर जैसे तैसे कार्य को आगे बढ़ाना पड़ता है। कभी कायों का परिणाम अनुकूल और कभी परिणाम प्रतिकूल रहता है। प्राचीन ग्रंथ शकुन शास्त्र के अनुसार, कुछ कार्यों को करने के पहले विचार करना आवश्यक होता है। शकुन और अपशकुन के बारे में शास्त्रों में विस्तृत रूप बताया गया है। आइये जानते है कि वो कौन से सूचक है कार्यों के शकुन अपशकुन के बारे बताते है।
1.हमेशा भोजन बैठकर करें। कभी भी सीधे जमीन पर बैठकर भोजन न करें, बल्कि आसन बिछाएं।
2.नया बिजनेस शुरू करते समय अपनी दुकान या ऑफिस में चांदी का कछुआ रखना बहुत शुभ माना जाता है।
3.कौआ आपको पानी पीता हुआ दिखाई दे तो यह धन लाभ का संकेत माना जाता है।
4.पुराने व जंग लगे लोहे को घर में रखना अशुभ है।
5.खाना खाने के बाद किये जाने वाले स्नान को दानव स्नान कहा जाता है।
6.झाड़ू के ऊपर पांव रखना गलत समझा जाता है। यह माना जाता है कि व्यक्ति घर आई लक्ष्मी को ठुकरा रहा है।
7.नग्न या निर्वस्त्र होकर स्नान करना अशुभ माना जाता है।
8.सभी तरह के धार्मिक कार्य नहाने के बाद ही करना चाहिए।
9.शास्त्रों में बिना नहाए पूजा-पाठ करना वर्जित किया गया है।