कूर्म अवतार को ,कच्छप अवतार, कछुआ के रूप में अवतार, भी कहते हैं। कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्र मंथन के समय मंदार पर्वत को अपने कवच पर संभाला था।
Shakun Shastra : कूर्म अवतार को ,कच्छप अवतार, कछुआ के रूप में अवतार, भी कहते हैं। कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्र मंथन के समय मंदार पर्वत को अपने कवच पर संभाला था। इस प्रकार भगवान विष्णु, मंदर पर्वत और वासुकी नामक नाग की सहायता से देवों एवं असुरों ने समुद्र मंथन करके चौदह रत्नों की प्राप्ति की। प्राचीन धर्म शास्त्रों में कछुआ को बहुत ही शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान ने कच्छप अवतार लिया था। शकुन शास्त्र में कछुआ को बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक ग्रंथ शकुन शास्त्र में इस विषय पर बहुत ही विस्तृत रूप से बताया है।आईये जानते है शकुन शास्त्र में कछुआ के शुभ प्रभाव के बारे में ।
1.कछुआ धार्मिक रूप से अत्यंत शुभ माना गया है इसे घर में रखने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
2.घर के मुख्य दरवाजे पर कछुए का चित्र लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में शांति बनी रहती है।
3.कछुआ को घर में रखने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती और बीमारियां दूर होती है।
4.कछुआ रखने से घर के लोगों की आयु लंबी होती है, घर में सुख-शांति भी बनी रहती है।
5.नया बिजनेस शुरू करते समय अपनी दुकान या ऑफिस में चांदी को कछुआ रखना बहुत शुभ माना जाता है।
6.अगर करियर में आगे बढ़ना चाहते हैं तो काले रंग के कछुआ को उत्तर दिशा में रखें। ऊर्जा बढ़ने से बिजनेस और करियर में तरक्की की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।