जीवन में साज सज्जा से रहने का प्रचलन सदियों पुराना है। महिलाएं अपनी सुंदरता को निखारने के लिए गहनों को पहनती है। इससे उनकी सुंदरता में चार चांद लग जाता है।
Shakun Shastra : जीवन में साज सज्जा से रहने का प्रचलन सदियों पुराना है। महिलाएं अपनी सुंदरता को निखारने के लिए गहनों को पहनती है। इससे उनकी सुंदरता में चार चांद लग जाता है। गहनों का पहनने का प्रचलन बहुत पुराना है। शास्त्रों के अनुसार, गहनों का शकुन ,अपशकुन भी होता है। गहनों को ले कर विभिन्न प्रकार की मान्यताएं है। शास्त्रों के अनुसार, सभी प्रकार की धातुओं को पहनने के लिए नियम है। महिलाओं को सोने की बिछिया नहीं पहननी चाहिए ।मान्यता है कि सोने को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सोने को बहुत पवित्र और शुभ माना जाता है।
शकुन शास्त्र जैसे प्राचीन शास्त्र में धातुओं के व्यवहार के बारे में बताया गया है। शकुन शास्त्र के मुताबिक दाएं पैर की पायल गुम हो जाने से सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी हो सकती है। वहीं बाएं पैर की पायल का खो जाना यात्रा में दुर्घटना की ओर संकेत करता है। आइए जानते हैं शकुन और अपशकुन शास्त्र के बारे में।
1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना खोना या पाना दोनों ही अपशगुन माना गया है।
2.सोना या चांदी गिरा हुआ मिला तो उसे उठाकर घर नहीं लाना चाहिए।
3.सोने का संबंध गुरु ग्रह से है। सोने खोने से गुरु ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ता है।
4.शकुन शास्त्र में नाक या कान के गहने खोने को भी अपशगुन माना गया है।
5.कंगन का गुम होना भी अपशगुन ही होता है। इससे मान-सम्मान में कमी आती है।
शरीर पर स्वर्ण तथा मणियुक्त आभूषण धारण करना अकाल मृत्यु से छुटकारा दिलाता है।