यूपी (UP) की कानपुर पुलिस (Kanpur Police) ने एक मामले में 100 वर्षीय महिला के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी बनाई गई वृद्धा ठीक से चलना तो छोड़, आंखों से देख तक नहीं सकती है। वृद्धा के खिलाफ यह FIR रंगदारी समेत अन्य धाराओं के तहत दर्ज कर ली गई है। जब रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी वृद्धा को हुई, तो वह खुद अवाक रह गईं।
कानपुर । यूपी (UP) की कानपुर पुलिस (Kanpur Police) ने एक मामले में 100 वर्षीय महिला के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी बनाई गई वृद्धा ठीक से चलना तो छोड़, आंखों से देख तक नहीं सकती है। वृद्धा के खिलाफ यह FIR रंगदारी समेत अन्य धाराओं के तहत दर्ज कर ली गई है। जब रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी वृद्धा को हुई, तो वह खुद अवाक रह गईं।
मिर्जापुर नई बस्ती निवासी चंद्रकली (100 साल) की बुजुर्ग महिला हैं। एक जमीनी विवाद में कल्याणपुर पुलिस (Kalyanpur Police) ने कृष्णमुरारी, चंद्र कली समेत अन्य पर रंगदारी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर दी। इसी जानकारी जब बुजुर्ग महिला को लगी तो वह अपने परिजनों की मदद से पुलिस कमिश्नर (Police Commissioner) के पास पहुंची।
100 साल की इस बुजुर्ग पर यूपी पुलिस ने रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक ये बुजुर्ग महिला वसूली गैंग चलाती हैं…मामला यूपी के कानपुर का है. pic.twitter.com/Tg8ph6zfEI
— Priya singh (@priyarajputlive) May 25, 2023
पुलिस कमिश्नर ने कहा- जांच के बाद FIR खत्म करें
महिला ने पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड (IPS BP Jogdand) के समक्ष पहुंचकर अपनी बात रखी। पुलिस अफसर को बताया गया कि एक प्लॉट पर कब्जे को लेकर पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से क्रॉस रिपोर्ट दर्ज की है। इसमें चंद्रकली को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में कमिश्नर ने जांच के आदेश दे दिए हैं। माधुरी तिवारी की तहरीर पर पुलिस ने बुजुर्ग महिला और उसके बेटे व बहू समेत परिवार के अन्य लोगों के खिलाफ रंगदारी मांगने, जान से मारने की धमकी देने समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की। जब बुजुर्ग महिला को इस बात की जानकारी हुई तो परिजनों को लेकर पुलिस कमिश्नर के सामने पेश हुई, तो कल्याणपुर थाना प्रभारी देवेंद्र दुबे और ACP की लापरवाही सामने आई। पुलिस कमिश्नर ने फटकार लगाते हुए जांच के बाद FIR खत्म करने का आदेश दिया है।
वहीं, एसीपी कल्याणपुर (ACP Kalyanpur) का कहना है कि प्रॉपर्टी विवाद में दोनों पक्षों की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अगर बुजुर्ग महिला का नाम भी रिपोर्ट में है, तो जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी भू-माफियाओं के साथ साठगांठ करते हैं और लोगों को परेशान करते हैं। उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर (FIR) दर्ज करके जेल भेज दिया जाता है।
प्लॉट के बनवा लिए हैं फर्जी दस्तावेज
माधुरी नाम की महिला ने चंद्रकली और उनके परिवार पर एफआईआर दर्ज कराई है। इसमें लिखा गया है कि छह मार्च 2012 में तहसील से एक रिपोर्ट लगी थी। इसमें मिर्जापुर का प्लॉट हमारे नाम पर दर्ज है। चंद्रकली के परिवार ने इसके फर्जी दस्तावेज बनवा लिए हैं।
माधुरी ने आरोप लगाया है कि छह मई को ट्रॉली पर आए आरोपियों ने प्लॉट पर लगे गेट को तोड़ दिया। वहीं, सात मई को मैं और मेरे पति बाउंड्री भरवाने के लिए प्लॉट पर पहुंचे। तब सुषमा तिवारी, कृष्ण मुरारी और ममता दुबे समेत 10 से 12 लोगों ने हमला किया। काम बंद करवा दिया। धमकी दी।
अब बैकफुट पर पुलिस
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था (Joint Commissioner of Police Law and Order) के अनुसार कल्यानपुर थाना क्षेत्र में दो पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर मुकदमा किया गया। उनके मध्य जमीन का विवाद है। विवेचना के दौरान पहले पर्चे में ही वृद्ध महिला का नाम विवेचना से बाहर कर दिया गया और विवेचना गुण-दोष के आधार पर प्रचलित है।