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Shami Plant : भगवान को शमी के पत्ते अर्पित करते समय बोला जाता है ये श्लोक, शनि के प्रकोप से भी बचा जा सकता है

भगवान शिव जगत के आधार है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिव कृपा से मोछ की प्राप्ति होती है। धर्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान शिव को प्रिय वस्तुएं शक्ति स्वरूप होती है।  

By अनूप कुमार 
Updated Date

Shami Plant : भगवान शिव जगत के आधार है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिव कृपा से मोछ की प्राप्ति होती है। धर्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान शिव को प्रिय वस्तुएं शक्ति स्वरूप होती है।  शिव को  शमी बहत प्रिय है। शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में शमी के पत्तों को शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है। शमी का वृछ बहुत ही पवित्र माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शमी के पौधे से वस्तु दोष दूर होता  है। इसी प्रकार से कुंडली में ग्रह दोषों को भी दूर किया जाता है।शमी का पौधा लगाने से शनि के प्रकोप से भी बचा जा सकता है। मान्यता है कि इस पौधे को लगाने से शनि साढ़े साती और ढैय्या के बुरे असर से बचा जा सकता है।

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अमंगलानां शमनीम् शमनीम् दुष्कृतानाम् च।
दुःस्वप्न.नाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।

1.शमी का पौधा लगाने के लिए वास्तु शास्त्र में दिशा के बारे में बताया गया है।
2.शमी का पौधा कभी भी घर के भीतर नहीं लगाना चाहिए।
3.शमी को हमेशा घर के मुख्य दरवाजे पर लगाएं और ऐसी दिशा में हो जो घर से निकलते हुए आपके दाएं तरफ पड़े।
4.शमी की लकड़ी का उपयोग हवन में भी समिधा की तरह किया जाता है। हवन में डाले जाने वाली लकड़ियों को समिधा कहते हैं।5.आयुर्वेद में भी शमी के वृक्ष का काफी महत्व बताया गया है।
6.बुधवार के दिन गणेश जी को शमी के पत्ते अर्पित करने से तीक्ष्ण बुद्धि होती है।

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