न्याय के देवता शनि देव की चाल बदल रही है। शनि देव को जातक के कर्मों का देवता माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति पर शनि की टेढ़ी नजर हो तो राजा को भी रंक बना सकती है।
Shani Vakri 2022 : न्याय के देवता शनि देव की चाल बदल रही है। शनि देव को जातक के कर्मों का देवता माना जाता है। अगर किसी व्यक्ति पर शनि की टेढ़ी नजर हो तो राजा को भी रंक बना सकती है। शनि देव 05 जून से कुंभ राशि में वक्री चाल चलने वाले है। शनि देव 23 अक्टूबर तक यानी 141 दिन उल्टी चाल चलेंगे।शनिदेव बीते 29 अप्रैल से अपनी दूसरी स्वराशि कुंभ में विराजमान है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह अपनी स्वयं की राशि में होता है तो वह सदैव अच्छा परिणाम देता है। शनि देव की वक्री चाल से ऐसे लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है जो जरूरतमंदों-असहायों की मदद करते हैं। सफाई कर्मचारियों, मेहनतकश लोगों का शोषण नहीं करते हैं और उनके सम्मान से बात करते हैं। शनि के वक्री रहने के दौरान मेष, कर्क और सिंह राशि वालों को सतर्क रहना चाहिए।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि का राशि परिवर्तन भी शुभ है और वक्री शनि भी शुभ फल ही देंगे। कुल मिलाकर करियर, धन, रिलेशनशिप से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी और ढेर सारी खुशियां मिलेंगी। अच्छे फल पाने के लिए शनि देव की पूजा करें।
कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों को वक्री शनि करियर में तरक्की देंगे। नई नौकरी, पदोन्नति, वेतन वृद्धि मिलने के योग हैं। नौकरी बदलना चाहते हैं या ट्रांसफर चाहते हैं तो यह इच्छा भी इस समय पूरी होगी।
मकर राशि: मकर राशि के जातकों को शनि की उल्टी चाल हर काम में सफलता देगी। अब तक जो काम रुके हुए थे, वे अब तेजी से बनेंगे। करियर में बड़ी सफलता मिल सकती है। धन लाभ होगा।