वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन महानवमी व्रत का पालन किया जाता है। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व महत्व माना गया है।
Shardiya Navratri 2024 : वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन महानवमी व्रत का पालन किया जाता है। शारदीय नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व महत्व माना गया है। इस दौरान कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराया जाता है। नवरात्रि की यह दोनों तिथियां बहुत ही महत्वपूर्ण व शुभ होती है। इस दिन मां दुर्गा को भोग लगाने के बाद कन्याओं को भोजन कराया जाता है और फिर उन्हें दक्षिणा देकर विदा किया जाता है।
नवरात्रि महानवमी व्रत 2024 तिथि
इस नवरात्रि चतुर्थी तिथि की वृद्धि हो रही है और महाअष्टमी और महानवमी (Mahaashtami and Mahanavami) एक ही दिन 11 अक्टूबर को होगा। 12 अक्टूबर को विजयदशमी मनाई जाएगी।
कन्या पूजन के नियम
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्याओं की पूजन करने से पहले सभी कन्याओं को आदर से आमंत्रित करें। उसके बाद कन्याओं को घर में प्रवेश कराते समय उनके पैर धुलें और आसन बिछाकर बैठाएं। आसन पर बैठाकर उनके माथे पर अक्षत, फूल और कुमकुम लगाए। उसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करें और सभी कन्याओं को भोजन कराएं।
मीठा भोजन कराना चाहिए
कन्याओं को पवित्रता के साथ बनी पूरी, सब्जी, मीठा भोजन कराना चाहिए। भोजन कराने के बाद अपनी शक्ति अनुसार दक्षिणा दें। कन्याओं को विदा करते समय उनके भोजन की थाली खाली नहीं होनी, बल्कि उसमें थोड़ा सा प्रसाद अवश्य रखें। साथ ही उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें और मां का ध्यान करें।