सावन माह, शिव और चंदन का अद्भुत संयोग है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सावन माह में चंदन का लेप अर्पित किया जाता है। युगों युगों से चली आ रही इस परंपरा को अभी तक पूरा किया जा रहा है।
Shiv Aur Chandan : सावन माह, शिव और चंदन का अद्भुत संयोग है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उन्हें सावन माह में चंदन का लेप अर्पित किया जाता है। युगों युगों से चली आ रही इस परंपरा को अभी तक पूरा किया जा रहा है। चंदन के गुणों के विशेषता यह है कि यह शीतल होता है। भगवान भोलेनाथ शीतलता के प्रतीक है। भोलेनाथ को बेलपत्र भी र्पित किया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले बेल पत्र पर चंदन के लेप से उं नमः शिवाय लिख कर चढ़ाये जाने से भोलेनाथ प्रसन्न होते है। सावन माह में शिवालयों में , घर में शिवलिंग पर गंगा जल ,दूध , शहद,शर्करा , गन्ने के रस, से अभिषेक किया जाता जाता है। शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है।
सावन मास में भगवान शिव शीतलता संदेश देते है। जीवन में शीतलता की आवश्यकता को बताते हुए भगवान शिव अपने माथे पर चंद्रमा को धारण करते है। इसलिए भगवान शिव को सफेद रंग बहुत प्रिय है। भगवान शिव को सफेद रंग के पुष्प अर्पित किए जाते है। सफेद रंग भी शान्ति का प्रतीक है। शिव शान्ति के प्रतीक है। सावन माह में शिवलिंग पर चंदन का लेप लगा कर जगत के प्राणियों को भगवान शिव शांत चित्त रहने का संदेश देते है।
आयुर्वेद में चंदन को कई औषधि जड़ी बूटियों के साथ मिलाकर प्रयोग में लाया जाता है। चंदन का तेल हाई ब्लड प्रेशर से निपटने में बेहद कारगर है। साथ ही तनाव को भी कम करता है अरोमा थेरेपी के जरिए तनाव को कम करने में चंदन के तेल का प्रयोग किया जाता है।अरोमा थेरेपी के जरिए तनाव को कम करने में चंदन के तेल का प्रयोग किया जाता है।