सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव को भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।
shiv stuti monday : सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव को भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। भक्तों पर शीघ्र ही कृपा कराने वाले भोलेनाथ संपूर्ण सृष्टि के कष्टों को हरते है।
भगवान शिव सोमवार के दिन पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि सोमवार के दिन शिव की स्तुति का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस स्तुति को इतना प्रभावशाली माना जाता है कि इसको सुनने मात्र से भी इच्छित फलों की प्राप्ति होने की मान्यता है।
(1)
शिशिरकिरणधारी शैलबालाविहारी
भवजलनिधितारी योगिहृत्पद्मचारी।
शमनजभयहारी प्रेतभूमिप्रचारी।
कृपयतु मयि देव: कोऽपि संहारकारी।
जो चन्द्रकलाको धारण किये हैं, पार्वती-रमण हैं, संसारसमुद्रसे पार करनेवाले हैं, योगियोंके हृदयरूप कमलमें विहार करनेवाले हैं, मृत्यु-भयको दूर करनेवाले तथा श्मशानभूमिमें विचरनेवाले हैं, वे कोई सृष्टिसंहारकारी देव मुझपर कृपा करें।
(2)
कुन्दइन्दुदरगौरसुन्दरं अम्बिकापतिमभीष्टसिद्धिदम्।
कारुणीककलकञ्जलोचनं नौमि शङ्करमनङ्गमोचनम्।
कुन्द- फूल, चन्द्र और शङ्खके समान गौरवर्ण एवं सुन्दर, पार्वतीके पति, मनोवाञ्छित सिद्धि देनेवाले, करुणासे भरे सुन्दर कमल-से नेत्रोंवाले और कामदेवके नाशक शङ्करको नमस्कार करता हूँ।