जी हां चौकिए नहीं चींटी की चटनी। दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां पर यह सब चीजें बहुत आम बात है। यहां तक कि भारत में भी कुछ जगहें ऐसी हैं जहां लोग चींटी की चटनी खूब खाते हैं।
भारतीय परिवारों में खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए टमाटर, हरा धनिया, आंवला, आम आदि कई तरह की चटनियां खायी और बनायी जाती है। एक राज्य ऐसा है कि जहां चींटी की चटनी बनायी और खाई जाती है। आपने चटनियां तो बहुत खाई होंगी पर क्या आपने कभी सुना है चींटी की चटनी। जी हां चौकिए नहीं चींटी की चटनी। दुनिया के कई ऐसे देश हैं जहां पर यह सब चीजें बहुत आम बात है। यहां तक कि भारत में भी कुछ जगहें ऐसी हैं जहां लोग चींटी की चटनी खूब खाते हैं।
छत्तीसगढ़ के एक गांव के लोग चींटी की जायकेदार चींटी की चटनी बनाकर खाते है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित एक गांव में महिला फूड ब्लॉगर पहुंच गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विद्या रविशंकर नाम की एक फूड ब्लॉगर इस जिले में घूमने गई तो वहां प्राकृतिक नजारों ने उसे खूब आकर्षित किया। इसके अलावा जब वहां के स्थानीय लोगों से मिली तो उसके लिए चीटियों की चटनी बनाई थी। लड़की ने वीडियो भी पोस्ट किया है जिसमें बताया गया है कि यह सब आसान नहीं है।
लड़की ने बताया कि किस तरह चींटी की चटनी बनाई जाती है और यह आसानी से नहीं बनती है। इसके लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। पहले चीटियों की व्यवस्था की जाती है इसके बाद उसमें कई और सामान डाले जाते हैं। इन सब के बारे में लड़की ने वीडियो में बताया है। इसके साथ ही लड़की ने यह भी बताया कि इसका स्वाद उन लोगों को पसंद है। वहां के लोग इसे काफी पसंद करते है। उसने कहा कि बस्तर की 70% से अधिक आबादी में विभिन्न आदिवासी समुदाय शामिल हैं।उनके जीवन में शहरी जीवन जैसा कुछ नहीं है।
ओडिशा के मयूरभंज नाम का एक ऐसा जिला है जहां आदिवासी समुदाय लाल चीटियों और उनके अंडे को चटनी या सूप के रुप में खाया जाता है। इस चटनी का नाम काई चटनी है। भारत के पूर्वी राज्य जैसे झारखंड, छत्तीसगढ़ में भी चीटीं को इस तरह खाया जाता है। छत्तीसगड़ के बस्तर में इस चटनी में इस चटनी को चपड़ा चटनी कहते है।