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केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस के तल्ख तेवर में भतीजे को चेताया, बोले-हाजीपुर से ही लड़ूंगा चुनाव,किसकी औकात है जो रोक देगा?

केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Union Minister Pashupati Kumar Paras) रविवार को कहा कि मैं पिछले 40 साल से हाजीपुर की सेवा करते आ रहा हूं, स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan)  का मैं ही उत्तराधिकारी हूं। हाजीपुर से सांसद हूं और आगामी लोकसभा चुनाव हाजीपुर से ही लड़ूंगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

हाजीपुर। केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Union Minister Pashupati Kumar Paras) रविवार को कहा कि मैं पिछले 40 साल से हाजीपुर की सेवा करते आ रहा हूं, स्वर्गीय रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan)  का मैं ही उत्तराधिकारी हूं। हाजीपुर से सांसद हूं और आगामी लोकसभा चुनाव हाजीपुर से ही लड़ूंगा। वह यहीं नहीं रुके कहा कि किसकी औकात है जो रोक देगा? दुनिया की कोई ताकत नहीं है जो यहां से चुनाव लड़ने से मुझे रोक सके।

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उक्त बातें केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Union Minister Pashupati Kumar Paras)  ने हाजीपुर में सर्किट हाउस में मीडिया को प्रेस वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि बिहार में 12 करोड़ की आबादी है। सब कहेगा कि हम हाजीपुर से चुनाव लड़ेंगे तो यह कैसे हो सकता है? 1977 से हाजीपुर की सेवा किया हूं और यहां का सांसद हूं। यहीं से चुनाव लड़ लडूंगा,किसकी औकात है जो चुनाव लड़ने से रोक देगा।

बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बड़ा बयान देते हुए कि वह चाहते हैं कि उनकी मां रीना पासवान हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ें जहां से उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान कई दशकों तक सांसद रहे। बीते रविवार (6 अगस्त) को चिराग पासवान संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे।

दरअसल, चिराग का उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ टकराव है। पारस वर्तमान में हाजीपुर से सांसद हैं और केंद्र में मंत्री हैं। हाजीपुर सीट से पारस की दावेदारी के बारे में पूछे जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि एक सांसद होने के नाते वह (पारस) अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं पर उनके पिता (रामविलास पासवान) ने एक लंबा समय हाजीपुर की सेवा में बिताया है और हाजीपुर को अपनी मां के समान माना है। ऐसे में एक पुत्र होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि उनकी गैरमौजूदगी में मैं वैसे ही हाजीपुर और हाजीपुर के लोगों का ध्यान रखूं जैसा मेरे पिता अपने रहते हुए रखा करते थे। सीट बंटवारा अंतिम रूप से गठबंधन के भीतर ही तय होगा। मैं चाहता हूं मेरी मां वहां से चुनाव लड़ें क्योंकि मेरे पिता के बाद अगर किसी का सबसे पहला अधिकार बनता है तो वह मेरी मां का बनता है।

चिराग के बयान से शुरू हो सकता है नया विवाद

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जमुई सांसद चिराग पासवान के इस बयान से पारस के साथ एक नया विवाद शुरू होने की आशंका है। पारस ने दावा किया है कि उन्होंने अपने दिवंगत भाई के आग्रह पर हाजीपुर से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। बता दें कि वर्ष 2021 में लोजपा दो हिस्सों में बंट गई थी। पारस के नेतृत्व वाले समूह को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के रूप में जाना जाता है, वहीं चिराग के नेतृत्व वाले समूह को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कहा जाता है।

हाजीपुर के सांसद पारस ने यह भी दावा किया है कि उनके दिवंगत भाई ने इस बात पर जोर दिया था कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें। अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान इस बात पर जोर देते रहे हैं कि उनकी पार्टी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी। पारस ने जवाब देते हुए आरोप लगाया कि उनका भतीजा जमुई को ‘छोड़ने’ की कोशिश कर रहा है, जहां से उन्होंने 2014 के आम चुनावों में पहली बार चुनाव लड़ा था। हालांकि, चिराग पासवान ने पहले दिन में ऐसी अटकलों पर विराम लगा दिया जब उन्होंने जमुई में एक सभा में कहा कि “मैं यहां एक युवा के रूप में आया था और बूढ़ा होने तक यहीं रहूंगा।

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