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‘Pegasus spy case’ सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति का किया गठन, कोर्ट ने कहा- पहली नजर में बनता है केस

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने पेगासस जासूसी (Pegasus spy case)  मामले में बुधवार को बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति का गठन (constitutes expert committee) किया है। ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व जज जस्टिस आरवी रवीन्द्रन (Former Judge Justice RV Raveendran) की देखरेख में जांच करेगी।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने पेगासस जासूसी (Pegasus spy case)  मामले में बुधवार को बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने विशेषज्ञ समिति का गठन (constitutes expert committee) किया है। ये कमेटी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व जज जस्टिस आरवी रवीन्द्रन (Former Judge Justice RV Raveendran) की देखरेख में जांच करेगी।

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पेगासस जासूसी (Pegasus Spyware) मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर बुधवार को फैसला सुनाते हुए मुख्‍य न्‍यायाधीश एनवी रमण  (CJI NV Raman), जज जस्टिस सूर्य कांत और जज जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने 13 सितंबर को मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस दौरान कहा था कि सुप्रीम कोर्ट केवल यह जानना चाहती है कि क्या केंद्र ने नागरिकों की कथित जासूसी के लिए अवैध तरीके से पेगासस सॉफ्टवेयर का उपयोग किया या नहीं?

बुधवार को CJI ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा ‘निजता के हर आक्रमण को तार्किकता और संवैधानिक आवश्यकता की कसौटी पर खरा उतरना चाहिए। वैधानिक कानून के बिना इस तरह के आक्रमण की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कई रिपोर्ट मोटिवेटेड थी। अदालत ने पिछली सुनवाईयों के दौरान केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने कहा ‘जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार सबसे ऊंचा है। इसके साथ कहा कि उनमें संतुलन भी जरूरी है। तकनीक पर आपत्ति सबूतों के आधार पर होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा ‘प्रेस की आजादी पर कोई असर नहीं होना चाहिए। उनको सूचना मिलने के स्रोत खुले होने चाहिए। उन पर कोई रोक ना हो। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि न्यूज पेपर पर आधारित रिपोर्ट के आधार पर दायर की गई याचिकाओं से हम संतुष्ट नहीं थे। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल ने भी ऐसी याचिकाएं को तथ्यों से परे और गलत मानसिकता से प्रेरित बताया था।

इन तीन लोगों की कमिटी करेगी जांच

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कई याचिकाओं पर फैसला देते हुए कहा कि पहली नजर में केस बन रहा है। इसलिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन कर जांच हो। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि उसने तीन सदस्यीय समिति के लिए जाने-माने विशेषज्ञों को चुना है।

कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई है जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व जज जस्टिस आरवी रवीन्द्रन (Former Judge Justice RV Raveendran)  करेंगे। अन्य सदस्य आलोक जोशी और संदीप ओबेरॉय होंगे। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने समिति को आरोपों की पूरी तरह से जांच करने और अदालत के समक्ष रिपोर्ट पेश करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में रिपोर्ट पेश होने के 8 सप्ताह के बाद सुनवाई होगी।

क्या है मामला?

बीती सुनवाई के दौरान पीठ ने मौखिक टिप्पणी की थी कि वह मामले की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन करेगी। पत्रकारों और कुछ अन्य लोगों द्वारा पेगासस जासूसी कांड (Pegasus spy case) में निजता के हनन को लेकर जताई गई चिंता पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि उसकी रुचि राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी विस्तृत जानकारी में नहीं है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस संबंध में दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। जिनमें वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार के साथ-साथ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका भी याचिका शामिल है। इन याचिकाओं में कथित पेगासस जासूसी कांड (Pegasus spy case)   की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।

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