उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लेने के लिए यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम पंजाब के रोपड़ पहुंच गई है। मुख्तार की आज बांदा वापसी तय है। इस बीच मुख्तार अंसारी की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को लेने के लिए यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम पंजाब के रोपड़ पहुंच गई है। मुख्तार की आज बांदा वापसी तय है। इस बीच मुख्तार अंसारी की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
इसमें पंजाब के रोपड़ से यूपी के बांदा लाते समय सुरक्षा की मांग की गई है। कोर्ट में पेशी के दौरान भी जान को खतरा बताया गया है। याचिका में विकास दुबे एनकाउंटर मामले का उदाहरण दिया है।
हालांकि अभी इस अर्ज़ी पर सुनवाई नहीं हुई है। मुख्तार अंसारी की पत्नी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई है कि पंजाब से यूपी शिफ्ट करने के दौरान मुख्तार की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। उन्हें डर इस बात का है कि उनका इस दौरान फर्जी तरीके से एनकाउंटर न हो। मुख्तार को फ्री एंड फेयर ट्रायल का मौका मिलना चाहिए।
इसके साथ ही याचिका में यह भी कहा गया है कि मुख्तार को जेल शिफ्ट के दौरान उनके पूरे सफर की वीडियोग्राफी होनी चाहिए। इसके साथ ही मांग की गई है कि जब यह शिफ्टिंग की कार्रवाई हो रही हो तो वह केंद्रीय सुरक्षा बल के सुरक्षा घेरे में हों।
जानकारी के मुताबिक पंजाब में रोपड़ जेल के अधिकारी उत्तर प्रदेश पुलिस का इंतज़ार कर रहे हैं। जेलर खुद जेल में बैठे हैं जैसे ही अंसारी को लेने यूपी पुलिस पहुंचेगी उसकी कस्टडी सौंप दी जाएगी।
बता दें कि बाहुबली विधायक मुख्तार को बांदा जेल लाने के लिए पुलिस का एक भारी-भरकम दल सोमवार सुबह पंजाब रवाना हो गया था। इस दल में पीएसी की एक कंपनी और कई वज्र वाहनों के अलावा एंबुलेंस भी शामिल हैं। इससे पहले रविवार को दिल्ली से आए इंजीनियरों ने बांदा जेल के सीसीटीवी कैमरों व जैमर को चेक किया, उनकी कमियां दुरुस्त कीं।
मुख्तार अंसारी एक मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में बंद हैं। अंसारी को लाने के लिए यूपी सरकार और पंजाब सरकार के बीच सुप्रीम कोर्ट तक मामला चला। 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने पंजाब की जेल में बंद मुख्तार को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने मुख्तार की कस्टडी ट्रांसफर याचिका पर यह फैसला सुनाया था।