सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शिवसेना के उद्धव गुट और शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवाई में देरी पर महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर (Maharashtra Assembly Speaker) की फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा कि इससे पहले हमने विधानसभा स्पीकर (Assembly Speaker)से अयोग्यता मामले की सुनवाई पूरी करने को लेकर शेड्यूल बताने के लिए कहा था ,लेकिन अभी तक नहीं बताया गया।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शिवसेना के उद्धव गुट और शिंदे गुट के विधायकों की अयोग्यता मामले की सुनवाई में देरी पर महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर (Maharashtra Assembly Speaker) की फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा कि इससे पहले हमने विधानसभा स्पीकर (Assembly Speaker)से अयोग्यता मामले की सुनवाई पूरी करने को लेकर शेड्यूल बताने के लिए कहा था ,लेकिन अभी तक नहीं बताया गया। ऐसी स्थिति में हमें आदेश जारी करना होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई के दौरान मामले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए विधानसभा स्पीकर (Assembly Speaker) से 30 अक्टूबर तक अयोग्यता मामले की सुनवाई करने के लिए टाइमलाइन बताने का निर्देश दिया है। एक तरह से कोर्ट ने स्पीकर को सुनवाई पूरी करने के लिए आखिरी मौका दिया है।
विधायकों के अयोग्यता मामले को लेकर उद्धव गुट की ओर से विधानसभा स्पीकर के खिलाफ लगातार बयानबाजी होती रही है। उद्धव गुट के नेताओं का कहना है कि स्पीकर इस मामले को जानबूझकर लंबा खीच रहे हैं। कुछ दिन पहले भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले की सुनवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर नार्वेकर (Assembly Speaker Narvekar) के खिलाफ सख्त टिप्पणी की थी।
पहले भी चेतावनी दे चुका है कोर्ट
हालांकि, कोर्ट ने तब भी कहा था कि स्पीकर को यह सलाह देनी होगी कि वह सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेशों को खारिज नहीं कर सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि जब संविधान के खिलाफ कोई फैसला होता है तो ऐसे में अदालत का आदेश चलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि सुनवाई के दौरान, हमने विभिन्न व्यक्तियों के वकील सुने हैं।
जानें कब-कब दायर हुईं याचिकाएं?
बता दें कि 16 विधायकों से संबंधित अयोग्यता याचिकाओं का पहला सेट 23 जून 2022 को दायर किया गया था। इसके बाद 27 जून 22 को 3 विधायक, 3 जुलाई 2022 को 39 विधायकों और 5 जुलाई 2022 को 39 विधायकों की ओर से याचिकाएं दायर की गई। दूसरा बैच सितंबर 2023 के बैच से संबंधित है। पहला बैच जून-जुलाई 2022 के बीच लंबित है। सीबी का फैसला 11 मई 2023 को दिया गया था।