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ट्रेन एक्सीडेंट में सूरज तिवारी ने दोनों पैर-एक हाथ गवांया, पर नहीं खोई संकल्प शक्ति और अब UPSC परीक्षा क्रैक कर चमके

परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, अगर इंसान दृढ़ इच्छा शक्ति है। तो उसके आगे हर परिस्थिति बौनी साबित होती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया यूपी के मैनपुरी जिले के सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) ने। यूपीएससी 2022 (UPSC 2022) के मंगलवार को जारी नतीजों में सूरज तिवारी (Suraj Tiwari)  ने 971वीं रैंक हासिल की है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

मैनपुरी। परिस्थिति चाहे जैसी भी हो, अगर इंसान में दृढ़ इच्छा शक्ति है। तो उसके आगे हर परिस्थिति बौनी साबित होती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया यूपी के मैनपुरी जिले के सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) ने। यूपीएससी 2022 (UPSC 2022) के मंगलवार को जारी नतीजों में सूरज तिवारी (Suraj Tiwari)  ने 971वीं रैंक हासिल की है। जबकि सूरज तिवारी (Suraj Tiwari) के दोनों पैर और एक हाथ भी नहीं हैं। दूसरे हाथ में सिर्फ तीन उंगलियां हैं। सूरज के पिता दर्जी का काम करते हैं। सूरज ने अपनी मंजिल की राह में आर्थिक कमजोरी और दिव्यांगता को आड़े नहीं आने दिया।

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सूरज तिवारी (Suraj Tiwari)  मैनपुरी जिले (Mainpuri District) के कुरावली तहसील के मोहल्ला घरनाजपुर के रहने वाले राजेश तिवारी के बेटे हैं। जैसे ही सूरज के यूपीएससी 2022 (UPSC 2022)  पास होने की जानकारी मिली तो घरवालों और रिश्तेदारों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोगों ने गांव में जमकर मिठाइयां बांटी। सूरज तिवारी ने प्रारंभिक शिक्षा नगर के महर्षि परशुराम स्कूल से हालिस की। 2011 में एसबीआरएल इंटर कॉलेज मैनपुरी से दसवीं और 2014 में संपूर्णानंद इंटर कॉलेज अरम सराय बेवर से उत्तीर्ण किया।

ट्रेन हादसे ने बदल दी जिंदगी

जब वो बीएससी कर रहे थे। तभी 24 जनवरी 2017 को गाजियाबाद के ट्रेन हादसे में घुटनों से दोनों पैर, दाएं हाथे की कोहनी और बाएं हाथ की दो उंगलियां कट गई थीं। इसके बाद भी सूरज ने हार नहीं मानी। सूरज ने हार न मानते हुए 2021 में दिल्ली के जेएनयू से बीए किया। इसके बाद एमए किया। फिर आईएएस की तैयारी शुरू की।

2017 में एक ट्रेन हादसे में सूरज में अपने दोनों पैर व एक हाथ को गवां दिया था। 4 महीने तक सूरज का इलाज चला था। घर की माली हालत और खराब होने लगी और उसके कुछ समय बाद सूरज के एक भाई की भी मौत हो गई थी। इस घटना से पूरा परिवार दुखी था, लेकिन सूरज ने हिम्मत नहीं हारी और अपने लक्ष्य पर एकाग्र होकर ये सफलता प्राप्त की। सूरज के घर बधाई देने के लिए लोग आ रहे हैं। आजतक की ओर से भी सूरज को ढेर सारी बधाई।

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सूरज के पिता हैं टेलर

यूपीएससी 2022 (UPSC 2022) की परीक्षा में सफलता पाने के लिए सूरज ने 18 से 20 घंटे तक पढ़ाई करते की। सूरज ने ये सफलता बिना किसी कोचिंग व एक्स्ट्रा क्लासेज के हासिल की है। सूरज एक मध्यमवर्गीय परिवार से है। इनके पिता राजेश तिवारी, टेलर मास्टर हैं और इनकी एक छोटी सी सिलाई की दुकान कुरावली में है, जिससे परिवार का खर्चा चलता है।

जीवन में आते रहते हैं उतार-चढ़ाव

मंगलवार को यूपीएससी 2022 (UPSC 2022)  का परीक्षा परिणाम घोषित हुआ तो सूरज के जीवन में खुशियों की बहार आ गई। सूरज तिवारी ने यूपीएससी परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल की है। सूरज का कहना था कि परिस्थितियां चाहे कुछ भी हों, लेकिन हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। इनसे मनोबल नहीं तोड़ना चाहिए।

इस दौरान सूरज ने हमें बताया कि उनसे UPSC के इंटरव्यू के दौरान कौन-कौन से सवाल पूछे गए थे। आइए खबर में आगे विस्तार से जानते हैं सूरज से क्या-क्या पूछा गया था? सूरज ने बताया कि सबसे पहला सवाल उनसे उनके शहर मैनपुरी के बारे में पूछा गया था। बकौल सूरज, रशियन लेंग्वेज में उन्होंने ग्रेजुएशन व मास्टर्स की है और इससे संबंधित उनसे सवाल पूछे गए थे। साथ ही रशिया-यूक्रेन वॉर के बारे में भी उनसे सवाल हुए थे।

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जब इंटरव्यू में मुलायम सिंह यादव का हुआ जिक्र

सूरज ने बताया कि उनसे इंटरव्यू में उनके इलाके के प्रसिद्ध नेता के बारे में सवाल पूछा गया था। सूरज के अनुसार, जवाब में उन्होंने सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का नाम लिया था। सूरज ने इंटरव्यू बोर्ड को मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के संघर्ष का जिक्र करते हुए बताया था कि वह सांसद, विधायक, मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। गौरतलब है कि बीते साल लंबी बीमारी के चलते मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का निधन हो गया था।

जब सवाल के जवाब में फंस गए थे सूरज

सूरज ने बताया कि इंडियन इकोनॉमी (Indian Economy)से संबंधित एक सवाल के जवाब में वह फंस गए थे। उत्तर नहीं पता होने के चलते उन्होंने कहा था, ‘सॉरी मैम।’ वहीं, सूरज ने यह भी बताया कि उनकी जिंदगी और उनके साथ हुए हादसे के बारे में भी उनसे सवाल पूछे गए थे।

सूरज ने दिए ये टिप्स
UPSC की तैयारी कर रहे युवाओं को संदेश देते हुए सूरज ने कहा कि जीवन में कठिनाइयां जरूर आएंगी, लेकिन हार नहीं माननी है। उन्होंने कहा कि हार बिल्कुल भी नहीं माननी है, क्योंकि जब तक जान है, तब तक जहां है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (National President of Samajwadi Party and former Chief Minister Akhilesh Yadav) ने ट्वीट करके कहा कि मैनपुरी के दिव्यांग सूरज तिवारी ने आईएएस की परीक्षा पहली बार में ही निकाल कर साबित कर दिया कि संकल्प की शक्ति अन्य सब शक्तियों से बड़ी होती है। सूरज की इस ‘सूरज’ जैसी उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य के लिए अनंत शुभकामनाएं!

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