HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. देश
  3. सूरत : कोविड से ठीक हुए मरीजों पर ब्लैक फंगस का कहर, निकालनी पड़ीं 8 मरीजों की आंखें

सूरत : कोविड से ठीक हुए मरीजों पर ब्लैक फंगस का कहर, निकालनी पड़ीं 8 मरीजों की आंखें

कोरोना वायरस के साथ ही देश में अब ब्लैक फंगस का भी खतरा बढ़ गया है। गुजरात में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस भी देखा गया है। इन मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है क्योंकि गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। 

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के साथ ही देश में अब ब्लैक फंगस का भी खतरा बढ़ गया है। गुजरात में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस भी देखा गया है। इन मामलों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है क्योंकि गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं।

पढ़ें :- यह जीत केवल भाजपा गठबंधन की नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में जनता के अटूट भरोसे और विश्वास की है ऐतिहासिक जीत : केशव मौर्य

गुजरात के सूरत में म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) से आठ मरीजों ने अपनी आंख की रोशनी खो दी है। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। पिछले 15 दिनों में सूरत में म्यूकोरमाइकोसिस के 40 मामले सामने आए हैं, जिनमें से आठ मरीजों की आंख की रोशनी चली गई है। ये संक्रमण, कोरोना की वजह से फैल रहा है और इसका इलाज हो सकता है। लेकिन अगर इलाज में देरी हो जाए या इलाज न मिले तो इससे मरीज की मौत भी हो सकती है।

सूरत के अलावा मुंबई में भी एक 29 सुहास वर्षीय शख्स में म्यूकोरमाइकोसिस का संक्रमण देखा गया। कोरोना से ठीक होने के बाद सुहास में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने लगे और हाल ही में उनकी सर्जरी की गई। दिमाग तक ये इंफेक्शन न पहुंच पाए, इसके लिए डॉक्टरों ने सुहास के ऊपरी जबड़े को हटा दिया।

मुंबई के ग्लोबल अस्पताल में मौजूदा समय में म्यूकोरमाइकोसिस के 18 मरीज इलाज के लिए भर्ती हैं। महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के कई मामले सामने आ गए हैं, जिसमें से कई लोगों का ऊपरी जबड़ा निकालना पड़ा और एक की आईबॉल ही नष्ट हो गई।

इसके अलावा परेल के केईएम अस्पताल में 25 से ज्यादा मरीज इस बीमारी का इलाज करा रहे हैं। ये इंफेक्शन नाक से शुरू होकर, जबड़े से होता हुआ दिमाग तक जाता है। अगर एक बार ये इंफेक्शन दिमाग तक पहुंच जाता है तो मरीज के बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

पढ़ें :- धांधली से चुनाव जीतनेवाले भाजपाई आज आंख मिलाकर नहीं देख पा रहे यही इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी जीत: अखिलेश यादव

जानें म्यूकोरमाइकोसिस क्या है?

अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक, म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस एक दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। लेकिन ये गंभीर इंफेक्शन है, जो मोल्ड्स या फंगी के एक समूह की वजह से होता है। ये मोल्ड्स पूरे पर्यावरण में जीवित रहते हैं। ये साइनस या फेफड़ों को प्रभावित करता है।

मरीज  के ठीक होने के दो-तीन दिन बाद  ब्लैक फंगस के  दिखाई देते हैं लक्षण ?

कोरोना वायरस से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई देते हैं। कोरोना से ठीक होने के दो-तीन दिन बाद पहले ये संक्रमण साइनस में दिखता है और उसके बाद आंख तक जाता है। वहीं अगले 24 घंटे में ये फंगस दिमाग तक हावी हो सकता है।

जानें सबसे ज्यादा किसको है खतरा?

पढ़ें :- हमारा गठबंधन महाराष्ट्र की प्रगति के लिए काम करता रहेगा...महायुति को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद बोले पीएम मोदी

जानकारों ने बताया कि कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका ज्यादा खतरा रहता है। डायबिटीज वाले रोगियों पर भी इसका खतरा ज्यादा हो सकता है और जिनके साथ स्वास्थ्य समस्याएं हैं, वो इसके लिए चपेटे में आ सकते हैं। ये सामान्य तौर पर उन मरीजों में ज्यादा देखा जा रहा है, जो कोरोना से ठीक हुए हैं और जिन्हें पहले से कोई बीमारी थी।

म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण कैसे होते हैं?

तेज सरदर्द और आंखों में लालपन इसके दो सामान्य लक्षण हैं।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...