स्वदेशी वस्तुओं के बढ़ते प्रभाव के बीच आत्मनिर्भरता की ओर हमारा देश भारत एक और बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है।
नई दिल्ली। स्वदेशी वस्तुओं के बढ़ते प्रभाव के बीच आत्मनिर्भरता की ओर हमारा देश भारत एक और बड़ा कदम बढ़ाने जा रहा है।देश में लड़ाकू विमान से लेकर कई किस्म के हथियारों (We open) का निर्माण हो रहा है।
लेकिन लद्दाख और सियाचिन जैसे अत्यधिक सर्द इलाकों में तैनात जवानों के लिए कपड़ों का निर्माण देश में करना आज भी एक चुनौती बना हुआ है। लेकिन रक्षा मंत्रालय(Defence ministry) अब इस मुद्दे पर गंभीर है तथा आने वाले समय में इस प्रकार के कपड़ों(Cloths) का निर्माण देश में ही कराने की तैयारी की जा रही है।
मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आर्डिनेंस फैक्टरियों के निगमीकरण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है तथा सैन्य बलों के लिए कपड़ों का निर्माण करने वाली अवदी आर्डिनेंस फैक्टरी को एक्सट्रीम कोल्ड वैदर क्लोथिंग सिस्टम (EWCS) के निर्माण का जिम्मा सौपा जाएगा। डीआरडीओ ने ऐसे वस्त्रों का विकास भी किया है। सेनाओं के द्वारा डीआरडीओ(DRDO) निर्मित वस्त्रों के परीक्षण भी किए गए हैं और उनकी गुणवत्ता को बेहतर बनाया गया है।